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BR Ambedkar Jayanti: जानिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़ी रोचक बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 14, 2020 5:13 PM

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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर (Babasaheb Bhimrao Ambedkar) का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। वह महार जाति से ताल्लुक रखते थे, जिसे उस समय अछूत माना जाता था। (Photo Source- Lokmat.com)
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बेहद कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के पूर्वज ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया करते थे। (Photo Source- Lokmat.com)
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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की चौदहवीं और आखिरी संतान थे। (Photo Source- Lokmat.com)
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डॉ भीमराव अंबेडकर ने आर्थिक और सामाजिक भेदभाव की वजह से विषम परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई शुरू की थी। तब किसी को इसका अंदाजा नहीं था कि एक दिन यही व्यक्ति देश की स्थिति बदलने में अहम योगदान देने वाला है। (Photo Source- Lokmat.com)
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सामाजिक भेदभाव के चलते स्कूल के शुरुआती सालों में डॉ भीमराव अंबेडकर को अलग बैठाया जाता था। (Photo Source- Lokmat.com)
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बहुत कम लोगों को पता है कि उनके स्कूल टीचर ने बाबासाहेब के असल उपनाम 'अंबावाडेकर' को बदल कर 'अंबेडकर' रखा था। इस तरह से उनका उपनाम अंबेडकर हो गया। (Photo Source- Lokmat.com)
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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को साल 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। (Photo Source- Lokmat.com)
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अंबेडकर की शादी देश में प्रचलित बाल विवाह की वजह से महज 15 साल की उम्र में 9 साल की लड़की रमाबाई से हो गई थी। उनकी पहली शादी साल 1906 थी। सबको नहीं मालूम है कि उनकी दो शादियां हुई थी। (Photo Source- Lokmat.com)
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पहली पत्नी रमाबाई की लंबी बीमारी के बाद 1935 में निधन हो गया था, जिसके बाद उन्होंने 15 अप्रैल 1948 को नई दिल्ली में अपने घर पर डॉक्टर शारदा कबीर से विवाह किया था। शादी के बाद उन्होंने अपना नाम बदल कर सविता अंबेडकर रख लिया था। (Photo Source- Lokmat.com)
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विदेश जाकर अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले डॉ भीमराव अंबेडकर पहले भारतीय थे। उन्हें पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था, जिसके चलते उन्होंने काफी पढ़ाई-लिखाई की। (Photo Source- Lokmat.com)
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लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में 8 वर्ष में समाप्त होने वाली पढ़ाई को उन्होंने महज 2 साल और 3 महीनों में ही पूरा कर लिया था। (Photo Source- Lokmat.com)
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अपने कई समर्थको के साथ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने पंचशील को अपनाते हुए बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। दुनिया में उनका इस तरह से अपने समर्थकों के साथ दीक्षा लेना ऐतिहासिक था, क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धर्मांतरण था। ऐसे में बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले महान बौद्ध भिक्षु महंत वीर चंद्रमणी ने बाबासाहेब को इस युग का आधुनिक बुद्ध भी बताया था। (Photo Source- Lokmat.com)
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बाबासाहेब को भारतीय तिरंगे में अशोक चक्र को जगह देने का श्रेय जाता है। (Photo Source- Lokmat.com)
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भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की स्थापना में बाबासाहेब का बड़ा योगदान था। (Photo Source- Lokmat.com)
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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर 9 से अधिक भाषाओं का ज्ञान रखते थे। यही नहीं, वह कुल 64 विषयों में मास्टर भी थे। (Photo Source- Lokmat.com)
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