लाइव न्यूज़ :

UP News: यूपी में इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए लूटा जा रहा है 5000 करोड़ रुपए का राजस्व

By राजेंद्र कुमार | Updated: September 4, 2025 20:11 IST

गत दो सितंबर को एटा जिले में पांच फ़र्मों द्वारा 2.57 करोड़ रुपए आईटीसी क्लेम करते हुए लिए गए रिफ़ंड का फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद यह दावा किया गया है.

Open in App

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) अधिकारियों की मिलीभगत तथा लापरवाही के चलते बोगस इनपुर टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के जरिए सरकार के राजस्व की जमकर लूट हो रही है. एक अनुमान के अनुसार, प्रदेश में हर वर्ष करीब 5000 करोड़ रुपए के राजस्व की चोरी बोगस फार्मों के जरिए की जा रही है. 

गत दो सितंबर को एटा जिले में पांच फ़र्मों द्वारा 2.57 करोड़ रुपए आईटीसी क्लेम करते हुए लिए गए रिफ़ंड का फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद यह दावा किया गया है. एटा के इस मामले में दो जीएसटी अधिकारियों और एक कर्मचारी के खिलाफ राज्य कर अधिकारी अरुण कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई गई है. 

जीएसटी के उच्चाधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अब आईटीसी क्लेम करनी वाली हर फर्म की होगी गहन पड़ताल किए जाने के बाद ही उसे भुगतान करने का निर्णय लिया गया है. 

पकड़ी गई 450 से अधिक फर्जी कंपनियां

जीएसटी के उच्चाधिकारियों के अनुसार, प्रदेश में जीएसटी लागू होने के पहले टैक्स चोरी संगठित थी, लेकिन अब यह संगठित हाथों में आ गई है. और रही-सही कसर फर्म पंजीयन के आटो अप्रूवल ने पूरी कर दी है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्म खोलकर उसका पंजीकरण कराया जाता है और फिर अधिकारियों की मिलीभगत से या फिर उनकी लापरवाही का लाभ उठाकर करोड़ों रुपए का राजस्व हड़प लिया जाता है. 

इस तरह हड़पे जा रहे राजस्व के मामलों की जानकारी होने पर बीते दो माह की जांच में ही 450 से अधिक कंपनियां फर्जी पायी गई. लखनऊ जोन में ऐसी 90 कंपनियां पकड़ गई. जांच से पता चला कि हर कंपनी ने औसतन तीन से चार करोड़ रुपए जीएसटी चोरी की है. 

इसी तरफ से एटा में जीएसटी राजस्व हड़पा गया. वहां श्री श्याम एंटरप्राइजेज, सृष्टि एंटरप्राइजेज, ओन आर्टिफिशल, निधि एंटरप्राइजेज और जैन एंटरप्राइजेज नाम से इन फर्मों ने फर्जी (बोगस) प्रपत्रों के आधार पर आईटीसी क्लेम करते हुए रिफंड आवेदन किया. 

फिर इन फ़र्मों में सहायक आयुक्त सुशील और तत्कालीन राज्य कर अधिकारी प्रशांत कुमारी तथा तत्कालीन प्रधान सहायक दुष्यंत कुमार के सहयोग से 2 .57 करोड़ रुपए का रिफंड प्राप्त कर लिया. जबकि उक्त फ़र्मों द्वारा बताए गए स्थान पर कोई इकाइयां संचालित ही नहीं हो रही थी और ना ही उस स्थान पर कोई मशीन मिली और ना ही वहां पर कोई काम करता हुए ही जीएसटी अफसरों को मिला. ऐसा फर्जीवाड़ा जीएसटी अफसर यूपी के कई अन्य जिलों में भी पकड़ चुके हैं. 

ऐसे लगेगा अंकुश

यही वजह है कि अब जीएसटी के उच्चाधिकारियों ने फैसला किया है कि राज्य में फर्जी कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए उनके पते पर जाकर जांच की जाएगी. ताकि हर कंपनी की सच्चाई सामने आ जाए. 

इस फैसले को लेकर अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में जीएसटी पोर्टल पर पंजीकृत कंपनियों का पता पंजीकरण अभिलेखों में दर्ज जरूर है, लेकिन तमाम कंपनियों का तय पते पर उनका नामोनिशान तक नहीं है. किसी और के आधार, पैन कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, बिजली का बिल, बैंक खाता सहित अन्य अभिलेखों का दुरुपयोग कर कंपनियां जन्म ले रही हैं. 

ऐसे तमाम मामले पकड़े गए हैं. इस नाते ही इस तरह की पड़ताल करने का फैसला किया गया. जीएसटी अफसरों के अनुसार, कंपनियों/ फर्म को जीएसटी का पंजीयन कराने के लिए पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. इसके लिए एड्रेस प्रूफ के लिए आधार, पैन, रेंट एग्रीमेंट आदि अपलोड करना होता है, वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी दर्ज करके पंजीयन पूरा होता है. 

पंजीकृत कंपनी का ब्योरा स्टेट या सेंट्रल यानी एसजीएसटी या सीजीएसटी की टीम को बारी-बारी जाता है. नियम है कि यदि अभिलेखों में कमी है तो संबंधित कंपनी से ऑनलाइन पूछताछ करके प्रक्रिया पूरी की जाए और जीएसटी नंबर मिल जाता है. यदि अधिकारी सात दिन में अभिलेखों की छानबीन नहीं करते तो ऑटोमेटिक जीएसटी नंबर जारी हो जाता है. 

30  दिन में तय पते का सर्वे यानी मौके पर जाकर निरीक्षण करने का नियम है. इसी का लाभ फर्जी कंपनियों/ फ़र्मों के संचालक उठा रहे. वे अचानक करोड़ों रुपये का माल गैर प्रांत को भेजकर उसका रिटर्न फाइल कर देते हैं. फिर अधिकारियों से मिलीभगत कर या उनकी लापरवाही का फायदा उठाकर रिटर्न का भुगतान प्राप्त कर लिया जाता है. 

सत्यापन ना होने से गड़बड़ियां हो रही है. अब राज्य कर के अधिकारी हर आईटीसी का सर्वे कर उसका भुगतान करने का आदेश देंगे तब ही फर्म को भुगतान प्राप्त होगा. राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि इस व्यवस्था से फर्जी फ़र्मों द्वारा की जाने वाले जीएसटी चोरी पर अंकुश लगेगा.  

टॅग्स :उत्तर प्रदेश समाचारउत्तर प्रदेश
Open in App

संबंधित खबरें

भारतUP: ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में नोएडा पहले और लखनऊ दूसरे स्थान पर, राज्य में दस माह में 1.27 करोड़ लोगों का चालन, इनमें एक भी पुलिसवाला नहीं

भारतUP: बूथ पर बैठकर मंत्री और विधायक SIR का फार्म भरवाए, सीएम योगी ने दिए निर्देश, राज्य में 15.44 करोड़ मतदाता, पर अभी तक 60% से कम ने फार्म भरे गए

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

क्राइम अलर्टUttar Pradesh: अमरोहा में दर्दनाक सड़क हादसा, खड़े ट्रक से टकराई कार, 4 युवकों की मौत

भारतयूपी में निजी संस्थाएं संभालेंगी 7,560 सरकारी गोआश्रय स्थल, पीपीपी मॉडल पर 7,560  गोआश्रय स्थल चलाने की योजना तैयार

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई