नयी दिल्ली, 26 जनवरी देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक विजय चौक पर देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया जहां एकता में पिरोई विविधताओं वाली भारत की अनूठी विरासत, आधुनिक युग की उसकी उपलब्धियां, भविष्य के राष्ट्र का खाका और देश की सुरक्षा की हमारी फौज की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं के साथ भव्य परेड देखा। कोविड-19 कारण उत्पन्न परिस्थिति के मद्देनजर इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी शासनाध्यक्ष मुख्य अतिथि के रूप में नहीं थे।
इस बार गणतंत्र दिवस समारोह कोविड-19 महामारी के कारण इस मायने में भी अन्य वर्षों की तुलना में अलग रहा कि परेड के पथ की दूरी कम कर दी गई और विजय चौक से शुरू होकर परेड का समापन लालकिले की बजाए इंडिया गेट के पास नेशनल स्टेडियम में किया गया । कोविड-19 महामारी के कारण परेड स्थल पर 15 वर्ष के कम और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को आने की अनुमति नहीं दी गई थी ।
परेड के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत मोदी सरकार के ज्यादातर मंत्री इस मौके पर मौजूद रहे। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कई अन्य नेता भी मौजूद थे ।
सलामी मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया। अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों एवं जहाजों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपट सकने की देश की ताकत का अहसास कराया। सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले युद्धक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देखा गया। इन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का अहसास हुआ।
करीब 10 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी के साथ परेड शुरू हुई। आज की परेड के परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा थे।
परेड में बांग्लादेश सशस्त्र सेना के 122 जवानों के मार्चिंग दस्ते ने हिस्सा लिया । बांग्लादेश की इस टुकड़ी का नेतृत्व कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल अबू मोहम्मद शाहनूर ने किया। इस वर्ष भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों के पचास साल पूरे हो रहे हैं ।
राजपथ पर परेड की खासियत रही हाल ही में फ्रांस से आए राफेल विमान के हैरतअंगेज करतब और आकाश में वायु सेना की शक्ति का प्रदर्शन।
गणतंत्र दिवस परेड में 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं अर्द्धसैनिक बलों की नौ झांकियों का प्रदर्शन किया गया। सीमा सुरक्षा बलों के ऊंट सवार दस्ते और बैंड ने अद्भुत नजारा पेश किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार गणतंत्र दिवस पर केसरिया रंग की जामनगर की खास पगड़ी पहनी। पारंपरिक कुर्ता पाजामा और जैकेट पहने प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक पहुंचे और देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सहित तीनों सेनाओं के प्रमुख भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने शहीदों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा। उन्होंने आगंतुक पुस्तिका पर संदेश भी लिखा।
भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए चिनूक और अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर के साथ एमआई-17 हेलीकाप्टर गणतंत्र दिवस की भव्य सैन्य परेड में आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे। चिनूक दूरदराज के स्थानों तक व्यापक स्तर पर सामग्री को पहुंचा सकता है। अपाचे हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाला हेलीकॉप्टर है जो दुश्मनों पर कहर ढा सकता है।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान सी-130जे, जगुआर, सुखोई विमानों ने अद्भुत प्रदर्शन कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया ।
हाल ही में वायुसेना में शामिल किये गए राफेल लड़ाकू विमान ने परेड में हिस्सा लिया और एकल प्रदर्शन के तहत आकाश में ‘ब्रह्मास्त्र’ आकृति और चार अन्य लड़ाकू विमानों के साथ ‘एकल्ब्य’ आकृति बनाने का अद्भत नजारा प्रस्तुत किया ।
एकलब्य आकृति का निर्माण करने में राफेल विमान का साथ दो जगुआर और दो मिग-29 विमानों ने दिया । राफेल की अगुवाई में इन लड़ाकू विमानों ने ‘वी’ आकृति का निर्माण किया।
परेड में सुखोई 30 एमकेआई, मिग 29, सी 17 ग्लोबमास्टर, सी 130जे विमानों ने भी हिस्सा लिया। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया ।
मंगलवार को गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायु सेना के 38 विमानों ने हिस्सा लिया जबकि भारतीय सेना के चार विमान इसमें शामिल हुए। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल का भी प्रदर्शन किया गया।
गणतंत्र दिवस परेड देखने आई करीब 25 हजार की संख्या में लोग भावविभोर होकर आकाश की ओर टकटकी लगाये हुए थे । जब राफेल ने आसमान में ब्रह्मास्त्र आकृति का निर्माण किया और कुछ दूरी तक नीचे की ओर आकर फिर 90 डिग्री पर उपर भी ओर उठी तब लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। परेड में एक डकोटा विमान के साथ दो एमआई 17 वी5 हेलीकाप्टर ने ‘रूद्र’ आकृति बनाई। डकोटा विमान ने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी ।
कई स्कूलों के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये। इसमें दिल्ली तमिल एसोशिएसन स्कूल, यमुना बिहार राजकीय विद्यालय के छात्रों के अलावा पूर्वी संस्कृतिक केंद्र कोलकाता, माउंट आबू पब्लिक स्कूल तथा विद्या भारती स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए ।
गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित दर्शकों का अभिवादन किया। वह कुछ दूर तक पैदल चले।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी जिसके तहत हजारों सशस्त्र कर्मी कड़ी निगरानी कर रहे थे।
अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के विकास के अपने भरोसे को बनाये रखते हुए, डीआरडीओ एक बार फिर प्रतिष्ठित गणतंत्र दिवस परेड 2021 के लिए दो महत्वपूर्ण झाँकियाँ लेकर आया। उनमें वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों का प्रदर्शन करते हुए, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट-एलसीए का उडान भरना और विमान वाहक पोत पर उतारना शामिल है।
गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश सहित कई राज्यों की सांस्कृतिक विविधिता एवं उपलब्धियों की झांकी प्रस्तुत की गई। दिल्ली की झांकी में शाहजहानाबाद की पुनर्निर्माण, उत्तर प्रदेश की झांकी में सांस्कृतिक धरोहर और राममंदिर को प्रस्तुत किया गया। महाराष्ट्र की झांकी में भक्ति आंदोलन, उत्तराखंड की झांकी में केदारनाथ मंदिर एवं राज्य पशु कस्तुरी मृग, त्रिपुरा की झांकी में पर्यावरण अनुकूल परंपरा का चित्रण था।
पंजाब की झांकी नौवे सिख गुरू गुरू तेगबहादुर जी को समर्पित थी जबकि तमिलनाडु की झांकी पल्लव शासकों के समय बने मंदिरों, गुजरात की झांकी में मोढेरा सूर्य मंदिर की झलक प्रस्तुत की गई, वहीं असम की झांकी में चाय बागान, पश्चिम बंगाल की झांकी का विषय ‘परिवर्तन के लिये’ था ।
छत्तीसगढ़ की झांकी संगीत के मधुरतम धुनों पर आधारित थी, वहीं कर्नाटक की झांकी में विजयनगर शहर की तस्वीर और सिक्किम की झांकी में लहबसोल त्योहार की झलक प्रस्तुत की गई ।
इसके अलावा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की झांकी में आत्मनिर्भर भारत अभियान-कोविड से जुड़ी प्रस्तुति थी। श्रम मंत्रालय की झांकी में श्रम सुधारों को दर्शया गया ।
परेड में गढ़वाल राइफल्स, जाट रेजिमेंट, महार रेजिमेंट के अलावा सिख, असम तथा जम्मू कश्मीर राइफल्स के रेजिमेंटल दस्ते, एनएसजी के दस्ते आदि ने हिस्सा लिया।
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