पटना: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक देख सियासी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती हैं। इसी कड़ी में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया के एक्स के माध्यम से दावा किया है कि ‘गुजराती मॉडल’ बिहार में काम नहीं करेगा। लालू यादव ने लिखा है कि ऐ मोदी जी, विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में? ये गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा।
बता दें कि इसके पहले लालू यादव ने भाजपा के द्वारा बुलाए गए बंद और मोदी की मां पर की गई गाली के मामले में प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा किया था। उन्होंने सवाल किया था कि क्या प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं को बिहारियों की माओं, बहनों और बेटियों को अपमानित करने का आदेश दिया है? लालू ने चेतावनी दी थी कि गुजराती लोग बिहार को हल्के में न लें और भाजपा के गुंडे-मव्वाली सम्मानित शिक्षिकाओं, राह चलते महिलाओं, छात्राओं, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और पत्रकारों पर हाथ उठाने और गालियां देने से बाज नहीं आ रहे हैं।
वहीं, पीएम मोदी ने 2 सितंबर को लालू और कांग्रेस के मंच से अपनी मां को गाली दिए जाने की घटना पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। ये सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं, बल्कि देश की मां-बहन-बेटियों का अपमान है। इस घटना से मुझे जितनी पीड़ा हुई, उतनी ही बिहारवासियों को भी महसूस हुई होगी।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि उनके जीवन और देशसेवा के सफर में उनकी मां की बहुत बड़ी भूमिका रही। “जिस मां ने मुझे देशसेवा का आशीर्वाद दिया, उसी मां को राजद-कांग्रेस मंच से भद्दी गालियां दी गईं। यह अत्यंत दुख और पीड़ा देने वाला है। उस मां का क्या अपराध था?” पीएम मोदी ने अपने भाषण में यह भी जोड़ा कि गरीब मां की तपस्या और उसके बेटे की मेहनत शाही खानदानों के युवराज नहीं समझ सकते।
पीएम मोदी ने राजद शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उस दौर में बिहार में अपराध और अपराधी बेलगाम थे। हत्या, फिरौती और बलात्कार आम थे और सरकार हत्यारों और बलात्कारियों को संरक्षण देती थी। “उस राज की सबसे अधिक चोट बिहार की महिलाओं को उठानी पड़ती थी,” उन्होंने कड़ा संदेश दिया।इस जंग ने बिहार की राजनीति में सनसनी और तनाव दोनों को बढ़ा दिया है। इस तरह चुनाव नजदीक आते ही लालू और मोदी के बयान जनता के बीच भावनाओं को उभारने का काम कर रहे हैं।