चंडीगढ़: पंजाब के संगरूर में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की रैली के दौरान नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के साथ मारपीट व अभद्रता करते हुए पुलिस उन्हें घसीटते हुए जीपों में भरकर ले गई। इस दौरान महिला शिक्षकों को भी नहीं बख्शा गया और उनके साथ भी इसी तरह का व्यवहार किया गया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नौकरी की मांग कर रहे सैकड़ों बीएड-टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण उम्मीदवार मुख्यमंत्री के रैली स्थल पर एकत्र हुए थे। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर हिंसक कार्रवाई के वीडियो व फोटो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री के रैली स्थल पर इकट्ठा ये उम्मीदवार 'चरणजीत चन्नी मुर्दाबाद' और 'पंजाब सरकार मुर्दाबाद' के नारे लगाने लगे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ने और उनके मुंह पर कपड़े डालने की कोशिश की।
एक महिला अधिकारी को नारेबाजी कर रही एक महिला प्रदर्शनकारी के मुंह पर कपड़ा ढंककर पकड़े हुए देखा गया। इसके बाद महिला को कई अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस बस के अंदर जबरन लादा गया।
एक महिला पुलिसकर्मी उसे अंदर खींचते और खिड़की बंद करने की कोशिश करती नजर आई। इस दौरान महिला लगातार कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी करती दिख रही है. इसके बाद बस उन्हें लेकर रवाना हो गई।
हालांकि, पुलिस की कार्रवाई के साथ ही रैली में विरोध कर रहे लोगों को मुख्यमंत्री के समर्थकों ने घेर लिया। उनमें से एक ने सरकार की आलोचना करने से रोकने के लिए एक प्रदर्शनकारी का मुंह ढंकने की कोशिश की. इसके बाद उसे वहां से ले जाया गया।
उसके पीछे अन्य लोग प्रदर्शनकारियों को गर्दन से पकड़कर बाहर ले गए। इनमें से एक युवक को ट्रक में बिठाकर वहां से ले जाया गया। एक वीडियो में तीन पुलिसकर्मियों को एक आदमी को जमीन पर गिराने और उसकी छाती पर घुटने टेकने की कोशिश करते हुए देखा गया।
वीडियो के अंत में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपने संबोधन के लिए मंच पर जाते देखा जा सकता है। वह औद्योगिक और रोजगार क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक कारखाने की आधारशिला रखने के लिए संगरूर में थे।
मुख्यमंत्री ने बाद में रैली की तस्वीरें साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा कि लगभग 700 करोड़ की लागत से क्लिंकर ग्राइंडिंग यूनिट स्थापित की जाएगी और इससे हमारे राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री चन्नी को प्रदर्शनकारियों से बचाने के लिए पंजाब पुलिस ने अपने अधिकारियों को लाउडस्पीकरों पर भजन और धार्मिक गीत बजाने के लिए कहा था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की उपस्थिति वाले कार्यक्रमों में प्रदर्शनकारियों की आवाज उन तक न पहुंचे। इस निर्देश की भारी आलोचना के बाद अधिकारियों ने इसे लिपिकीय गलती का हवाला देते हुए निर्देश को वापस लिया था।