मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां राज्य के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 4 माह पहले मर चुकी महिला को 17 सितंबर 2021 को दूसरी डोज दी गई। बकायदा कर्मचारियों ने उस मृत महिला को कोरोना वैक्सीन की फाइनल डोज का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। जब ये बात उस मृत महिला के परिजनों को पता चली तो वो चौंक गए। हालांकि मरने से पहले उस महिला को कोविडशील्ड की पहली डोज दी जा चुकी थी।
ये मामला आगर मालवा के छावनी नाका वार्ड नंबर 16 का है। जहां की निवासी विद्यादेवी शर्मा की 1 मई 2021 का जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने पर उपचार के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया गया था। मृत महिला के बेटे आशुतोष शर्मा के अनुसार निधन से पहले उसकी मां यानी विद्यावती को 8 मार्च 2021 को कोविशिल्ड का पहला डोज लगा था। जबकि दूसरी डोज का मैसेज उन्हें 17 सितंबर 2021 को रात 8 बजकर 2 मिनट में आया था। इसके बाद उन्होंने अपनी मां के फाइनल डोज का सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लिया।
इसी तरह का एक मैसेज आगर के ही रहने वाले पिंकी वर्मा के फोन में आता है कि आपको 17 सितंबर को कोरोना की फाइनल वैक्सीन लग चुकी है। पिंकी वर्मा के मुताबिक 8 जून 2021 को मुझे कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगा था, जबकि सेकंड डोज की तारीख 7 सितंबर 2021 की थी, लेकिन उस समय में अस्वस्थ होने कारण दूसरी डोज लेने में असमर्थ रहा।
वहीं इस घटना राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक इस तरह के एक-दो केस हैं, यदि कोई गलती हुई है तो इसकी जांच की जाएगी। आपको बता दें कि 17 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर देशभर में 2.5 करोड़ से भी अधिक वैक्सीनेशन हुआ है, जिसके तहत मध्य प्रदेश में ही 27 लाख से अधिक कोरोना वैक्सीन के डोज लोगों को दिए गए थे।