Maharashtra Assembly:महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि राज्य में वर्ष 2025 के पहले पांच महीनों में बलात्कार के 3,506 और हत्या के 924 मामले दर्ज किए गए हैं। दानवे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति सरकार पर कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर निशाना साधा। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधान पार्षद दानवे ने उच्च सदन में विपक्ष द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘‘एक जनवरी से 31 मई तक महाराष्ट्र में कुल 1,60,000 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इन पांच महीनों में 924 हत्याएं हुईं यानी प्रतिदिन छह, जबकि बलात्कार के 3,506 मामले सामने आए हैं।’’
दानवे ने दावा किया कि इसी अवधि में राज्य में चोरी के 30,000 और डकैती के 156 मामले भी दर्ज किए गए है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले नागपुर में वर्ष 2025 के पहले पांच महीनों में 10,423 आपराधिक मामले दर्ज हुए जिनमें से 6,000 से अधिक मामले केवल नागपुर शहर में दर्ज हुए। दानवे ने कहा कि राज्य में नशीले पदार्थों का प्रयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है।
महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने बृहस्पतिवार को मांग की कि राज्य सरकार विधानसभा में उन खबरों पर औपचारिक बयान दे कि ठाणे, नासिक और मुंबई में मंत्रालय (सचिवालय) के अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए एक ‘हनीट्रैप’ गिरोह सक्रिय है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पटोले द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद कहा कि सरकार ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पटोले ने सदन में दावा किया कि आरोपों से संबंधित सभी सबूत एक पेन ड्राइव में उनके पास हैं।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कुछ समय से सार्वजनिक होने के बावजूद सरकार ने अब तक कोई बयान नहीं दिया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ठाणे, नासिक और मंत्रालय (राज्य सचिवालय) ‘हनीट्रैप’ के केंद्र बन गए हैं, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सरकार से शुक्रवार (18 जुलाई) को मानसून सत्र समाप्त होने से पहले इस मुद्दे पर बयान देने को कहा।
इस पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने आरोपों को गंभीरता से लिया है और जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गृह राज्य मंत्री (शहरी) योगेश कदम ने मंगलवार को कहा था कि हाल ही में ठाणे जिले में एक सरकारी अधिकारी को ‘हनी ट्रैप’ में फंसाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन बाद में आपसी समझौते के जरिये मुकदमे को वापस ले लिया गया। वह एक समाचार चैनल की खबर के बारे में पूछे गए सवाल का उत्तर दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि कई सरकारी अधिकारी और कुछ नेता तथाकथित ‘हनीट्रैप’के शिकार हैं।