नई दिल्ली: लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड 2022 के चौंथे संस्करण के पुरस्कार वितरण का आयोजन किया गया है। दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं। वहीं, राजनीतिक जगत के कई अन्य दिग्गज नेता भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
लोकमत संसदीय पुरस्कार के चौथे संस्करण में मुरली मनोहर जोशी लोकमत के संस्थापक व स्वतंत्रता सेनानी जवाहर लाल दर्डा को याद किया है। मौजूद बीजेपी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री मनोहर लाल जोशी ने लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड में ज्यूरी सदस्य होने के नाते खुशी जाहिर की है।
उन्होंने लोकमत संसदीय अवार्ड की तारीफ करते हुए कहा कि ये चौथा संस्करण पेश किया जा रहा है और ये एक ऐसा समारोह है, जिसमें राजनेताओं के असाधारण काम के लिए उन्हें निष्पक्ष रूप से सम्मानित किया जाता है।
जोशी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत देश में जनता द्वारा चुनी गई सरकार है और इसे जनता ने ही बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा जीवित रहेगी अगर संसद और उसके सांसद इसके लिए प्रत्यक्ष रूप से उत्तरदायी रहेंगे। जोशी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के सामने उस समय जो चुनौतियां रही होंगी आज शायद उससे कई ज्यादा चुनौतियां एक सांसद के पास हैं।
वर्तमान समय में जनता द्वारा चुनी गई सरकार और उसके सांसदों द्वारा इस तरह काम किया जाना चाहिए ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जनता का पैसा जनता के लिए ही उपयोग हो। एक सांसद की सबसे बड़ी ताकत है ये कि उसे पता हो कि उसकी जनता का पैसा कहा और किस रूप में खर्च किया जा रहा है।
वर्तमान समय की राजनीति के बदलते परिवेश को देखते हुए मुरली मनोहर जोशी ने संसदीय प्रणाली कैसी और सांसद कैसे हो इसके बारे में अपने विचार को रखा है। इसके साथ ही उन्होंने लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड की सराहना करते हुए कहा कि ये एक ऐसा कार्यक्रम है जो सांसदों की प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें सम्मानित करने का काम करता है।
इस कार्यक्रम के जरिए भविष्य में आने वाले सांसदों के लिए नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने कहा कि लोकमत का ये समारोह भविष्य में आगे भी ऐसे ही निरंतर चलता रहना चाहिए ये सांसदों के लिए एक आशावादी और सकारात्मक कदम है।