नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया है। (Madhya Pradesh Governor Lal ji Tandon Death) लालजी टंडन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा है, ''लालजी टंडन को समाज सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई, हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया। उनके निधन से दुखी हूं।'' लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन ने इस बात की जानकारी मंगलवार (21 जुलाई) की सुबह दी। आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर लिखा, बाबू जी नहीं रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लालजी टंडन के निधन पर शोक जताया है। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ''मध्य प्रदेश के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश की एक कद्दावर शख़्सियत, लालजी टंडन के निधन का समाचार बहुत पीड़ादायक है। टंडनजी के साथ मुझे लंबे समय तक काम करने का अवसर मिला। उनका लंबा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा में समर्पित रहा और उन्होंने अपने काम से एक अलग छाप छोड़ी है। स्वभाव से बेहद मिलनसार टंडनजी कार्यकर्ताओं के बीच भी बेहद लोकप्रिय थे। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने जो विकास कार्य कराये उसकी सराहना आज भी लखनऊ और उत्तर प्रदेश के लोग करते हैं। ईश्वर समस्त शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे। ओम शान्ति!''
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार (21 जुलाई) सुबह लखनऊ मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ राकेश कपूर ने पीटीआई- भाषा से कहा, ''मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर निधन हो गया।'' टंडन के बेटे और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' ने जानकारी दी कि लालजी टंडन का अंतिम संस्कार गुलाला घाट चौक में शाम साढ़े चार बजे होगा।
सीएम योगी ने की तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, ''लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खो दिया है।'' उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। टंडन को पिछले महीने 11 जून को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत खराब होने के कारण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।