नयी दिल्ली, 15 नवंबर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार अनुसूचित जनजातियों के बीच वैज्ञानिक प्रतिभा को बढ़ावा देने और उनके समग्र विकास के लिए 2022 के अंत तक देशभर में 30 विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) केन्द्र स्थापित करेगी।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए प्रस्तावित कुल 75 एसटीआई केन्द्रों में से 20 पहले ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित किए जा चुके हैं, जो कृषि, गैर-कृषि और अन्य संबद्ध आजीविका क्षेत्रों में 20,000 लोगों को सीधे लाभान्वित करेंगे।
पंद्रह नवंबर (बिरसा मुंडा की जयंती) को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने संबंधी सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार आदिवासी समुदायों के बीच वैज्ञानिक प्रतिभा को बढ़ावा देने और उनके समग्र सामाजिक आर्थिक विकास के लिए अगले साल के अंत तक एसटी के वास्ते 30 एसटीआई केंद्र स्थापित करेगी।
‘वोकल फॉर लोकल’ के विषय को रेखांकित करते हुए, सिंह ने कहा कि हालांकि विज्ञान सार्वभौमिक है लेकिन सस्ती स्वास्थ्य देखभाल, आवास, स्वच्छ हवा, पानी और ऊर्जा, कृषि उत्पादकता और खाद्य प्रसंस्करण आदि की समस्या के समाधान के लिए स्थानीय जरूरतों और परिस्थितियों के लिए प्रासंगिक समाधान प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी स्थानीय होनी चाहिए।
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