नई दिल्ली: पूर्व सीएजी विनोद राय ने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व राज्य सभा सांसद संजय निरुपम से माफी मांग ली है। ये केस संजय निरुपम की ओर से दायर किया गया था। दरअसल विनोद राय ने 2014 में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि निरुपम और कुछ अन्य सांसदों ने 2G स्पेक्ट्रम रिपोर्ट से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम हटाने का दबाव बनाया था।
संजय निरुपम ने माफीनामे की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा कि आखिरकार मानहानि के मामले में विनोद राय ने मुझसे बिना किसी शर्त के माफी मांगी है। संजय निरुपम ने बताया कि उनकी ओर से केस नई दिल्ली के पटियाला हाउस के एमएम कोर्ट में दायर किया गया था।
संजय निरुपम ने साथ ही लिखा कि उन्हें (विनोद राय) अब देश से भी यूपीए द्वारा 2G और कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर दिए गए फर्जी रिपोर्ट के लिए माफी मांगनी चाहिए।
विनोद राय ने माफीनामे में क्या लिखा है?
विनोद राय ने लिखा है कि उन्होंने साल 2014 में 11 सितंबर को अर्नब गोस्वामी को 'टाइम्स नाऊ' के लिए दिए गए इंटरव्यू में संजय निरुपम के खिलाफ कुछ बातें कही थी। ये बातें 'टाइम्स ऑफ इंडिया' और इंडियन एक्सप्रेस में छपी थी। साथ ही कुछ और जगहों पर इस संबंध में बातें छपी।
विरोद राय आगे लिखते हैं, 'मुझे अहसास हुआ है कि मुझसे पूछे गए प्रश्नों के जवाब में मैंने गलत तरीके से संजय निरुपम का जिक्र किया, जिसमें मुझसे कहा गया कि उन्होंने मनमोहन सिंह का नाम 2G पर कैग की रिपोर्ट से हटाने के लिए मुझ पर दबाव बनाया।'
विनोद राय ने साथ ही लिखा, 'मेरे द्वारा कही गई बातें, जिसका प्रसारण भी हुआ और छापा भी गया, सच नहीं हैं और मैं समझता हूं कि इससे संजय निरुपम और उनके परिवार को दुख से गुजरना पड़ा होगा। इसलिए वे बिना किसी शर्त के माफी मांगते हैं।' विनोद राय ने आखिर में उम्मीद जताई कि संजय निरुपम इस माफीनामे को स्वीकार करेंगे और इस मुद्दे को समाप्त करेंगे।
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल के दौरान सीएजी की कई रिपोर्ट को लेकर खूब विवाद मचा था। इसमें 2G और कोल स्पेक्ट्रम आवंटन बेहद गर्म मुद्दा रहा था। इन रिपोर्ट के बाद मनमोहन सरकार बैकफुट पर आ गई थी।
वहीं भाजपा समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसे अहम मुद्दे के तौर पर प्रचारित किया। बाद में 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और भाजपा बड़े संख्या बल के साथ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता में आई।