Gourav Vallabh-Sanjay Nirupam: कांग्रेस को झटके पर झटका, संजय निरुपम निष्कासित, गौरव वल्लभ का इस्तीफा, कहा-सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता हूं...

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 4, 2024 11:29 AM2024-04-04T11:29:39+5:302024-04-04T11:47:16+5:30

Gourav Vallabh-Sanjay Nirupam Congress: गौरव वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी।

Gourav Vallabh-Sanjay Nirupam Congress Shock Sanjay Nirupam expelled Gaurav Vallabh resignation said-can't raise anti-Sanatan slogans Lok Sabha elections | Gourav Vallabh-Sanjay Nirupam: कांग्रेस को झटके पर झटका, संजय निरुपम निष्कासित, गौरव वल्लभ का इस्तीफा, कहा-सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता हूं...

Gourav Vallabh-Sanjay Nirupam: कांग्रेस को झटके पर झटका, संजय निरुपम निष्कासित, गौरव वल्लभ का इस्तीफा, कहा-सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता हूं...

Highlightsयुवाओं और बौद्धिक लोगों की तथा उनके विचारों की कद्र होती है।मौजूदा स्वरूप नए विचार वाले युवाओं के साथ सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है। न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है।

Gourav Vallabh-Sanjay Nirupam Congress: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटके पर झटका लग रहा है। कई राज्य में नेताओं को इस्तीफा जारी है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका देते हुए प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गुरुवार को अपना इस्तीफा दे दिया। इस बीच महाराष्ट्र के नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम को पार्टी से निकाल दिया गया। वल्लभ ने बृहस्पतिवार को पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते तथा 'वेल्थ क्रिएटर्स' (पूंजी का सृजन करने वालों) को गाली नहीं दे सकते।

वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा त्यागपत्र सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया। उन्होंने कहा कि पार्टी जिस तरह से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए वह खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे। वल्लभ ने कहा, ‘‘मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह शाम वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता हूं।

इसलिए पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।’’ वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी। उन्होंने त्यागपत्र में कहा, ‘‘जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ था तो मेरा यह मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसमें युवाओं और बौद्धिक लोगों की तथा उनके विचारों की कद्र होती है।

लेकिन पिछले कुछ समय से महसूस हुआ की पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए विचार वाले युवाओं के साथ सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है।'’’ बल्लभ ने दावा किया कि कांग्रेस जमीन से पूरी तरह कट चुकी है और वह नए भारत की आकांक्षा को नहीं समझ पा रही है जिसके कारण पार्टी न तो सत्ता में आ पा रही है और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है।

वल्लभ का कहना है कि पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम से दूर रहने का जो रुख अपनाया उससे वह क्षुब्ध हुए। उन्होंने इस्तीफे में कहा, ‘‘मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस रुख ने मुझे हमेशा क्षुब्ध और परेशान किया। पार्टी व (इंडिया) गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हैं और उस पर पार्टी का चुप रहना, उसे एक तरह से मौन स्वीकृति देने जैसा है।’’

उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा है कि पार्टी इस संदर्भ में भी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हम जाति जनगणना की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं। यही कार्य शैली जनता के बीच यह भ्रामक संदेश दे रही है कि पार्टी एक खास धर्म की हिमायती है।

यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।’’ वल्लभ ने त्यागपत्र में यह दावा भी किया कि वर्तमान में आर्थिक मामलों पर कांग्रेस का रुख हमेशा वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने वाला रहा है तथा देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया नकारात्मक रहा है। उनका कहना है कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर भी वह घुटन महसूस कर रहे थे।

मेरे इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने मुझे निष्कासित किया: निरुपम

पूर्व सांसद संजय निरुपम ने अपने निष्कासन को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर बृहस्पतिवार को कटाक्ष करते हुए दावा किया कि पार्टी को अपना इस्तीफा भेजने के बाद उन्हें निष्कासित किया गया। अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार देर शाम निरुपम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दे दी।

कांग्रेस की मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख निरुपम ने बृहस्पतिवार को सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “ऐसा लगता है कि पार्टी ने कल रात मेरा त्यागपत्र मिलने के तुरंत बाद मेरे निष्कासन का निर्णय ले लिया। ऐसी तत्परता देखकर अच्छा लगा।” खरगे को लिखे पत्र में निरुपम ने कहा, "मैंने आखिरकार आपकी बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा करने का फैसला किया है और मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया है।"

निरुपम की नजर मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र पर थी और आगामी संसदीय चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) को यह सीट देने को लेकर वह कांग्रेस से नाराज थे। निरुपम के खिलाफ कार्रवाई की मांग तब बढ़ गई जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के तहत सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान मुंबई की सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को देने को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की। इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने स्टार प्रचारक की सूची से निरुपम का नाम हटा दिया था, जिससे संकट के बढ़ने का संकेत मिला।

इसके बाद निरुपम ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी "गंभीर वित्तीय संकट" का सामना कर रही है, इसलिए उसे खुद को बचाने के लिए स्टेशनरी तथा ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने पार्टी के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई के संदर्भ में यह कहा था। मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद निरुपम ने यह भी कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) की धौंस में नहीं आना चाहिए।

उन्होंने दावा किया था कि मुंबई में एकतरफा तरीके से उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस के विनाश की अनुमति देने जैसा है। निरुपम ने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी। 2009 में वह मुंबई उत्तर सीट से जीते थे। वह 2014 में मुंबई उत्तर सीट से भाजपा के गोपाल शेट्टी के खिलाफ चुनाव हार गए थे। 

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