पटनाः दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बिहार पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में है। डीजीपी विनय कुमार ने खुद इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान भीड़ नियंत्रण के साथ-साथ विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार से ग्यारह कंपनी केंद्रीय बल उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा बिहार पुलिस ने अपने संसाधनों से हजारों जवानों को मैदान में उतारा है। विनय कुमार ने बताया कि पुलिस बल के अलावा लगभग पांच हजार गृह रक्षा बल और बीसैप के जवानों को भी पटना समेत सभी जिलों में तैनात किया गया है। यह व्यवस्था खास तौर पर मूर्ति विसर्जन और दशहरा के जुलूस के दौरान कानून-व्यवस्था को देखते हुए की गई है।
डीजीपी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए निरोधात्मक कार्रवाई भी की जा रही है। हजारों लोगों से बाउंड भरवाया गया है, गुंडा आदेश जारी किया गया है और सीसीए के तहत जिला बदर की कार्रवाई भी की गई है। इससे संभावित उपद्रवियों पर पहले से ही नियंत्रण रखा जा सकेगा। विनय कुमार ने बिहारवासियों से अपील की कि वे हर्षोल्लास और शांतिपूर्ण ढंग से दुर्गा पूजा और दशहरा मनाएं।
उन्होंने खासतौर पर मूर्ति विसर्जन के समय भीड़ में अनुशासन बनाए रखने की अपील की। बताया जाता है कि दुर्गापूजा पर राज्य में इस साल करीब 16 हजार प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इसके चलते दुर्गा पूजा के दौरान सभी जिलों को 24 घंटे गश्ती करने का निर्देश दिया गया है, जिसके लिए 24 हजार से अधिक प्रशिक्षु सिपाहियों एवं होमगार्ड और 37 डीएसपी रैंक के पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए हैं।
विनय कुमार ने बताया कि पूजा के लिए जिलों को 54 कंपनी अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है, जिनमें बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की 31 कंपनी, दंगा निरोधी दस्ता की 12 कंपनी और सीएपीएफ की 11 कंपनी शामिल है। उन्होंने बताया कि पटना जिले में जुटने वाली सर्वाधिक भीड़ को देखते हुए आठ कंपनी अतिरिक्त बल, 2100 प्रशिक्षु सिपाही और गृहरक्षक, जबकि दस डीएसपी रैंक के पदाधिकारी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में सवंदेनशील स्थानों पर सक्षम पदाधिकारियों को भ्रमणशील रहने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही भारत नेपाल सीमा के साथ पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर भी विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। डीजीपी ने बताया कि सादे परिधान में भी पुलिस बल लगाए जाएंगे। प्रतिमा विसर्जन जुलूस पुलिस स्कॉट में ही निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि जुलूस के लिए शत-प्रतिशत जुलूस लाइसेंस निर्गत करने का निर्देश है।
संवेदनशील जुलूसों की वीडियोग्राफी कराने को भी कहा गया है। डीजे पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। पूजा पंडालों में बनजे वाले लाउडस्पीकरों को भी डेसिबल सीमा का ध्यान रखने और रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर न बजाने का निर्दश दिया गया है। उन्होंने कहा कि विसर्जन जुलूस के मार्ग में पड़ने वाले दूसरे समुदायों के धार्मिक स्थलों के पास दंडाधिकारी के साथ पर्याप्त बल की तैनाती की जाएगी।
विनय कुमार ने कहा कि पूजा समितियों को निर्देश दिया गया है कि वे पंडालों में ऐसी झांकी, चित्र, स्लोगन या वीडियो प्रदर्शित न करें, जिससे किसी की भावना आहत होती हो। पंडालों में सीसीटीवी तथा आग से बचाव की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया है। सप्तमी, अष्टमी और नवमी को ग्रामीण तथा सुदूर इलाकों से शहरों में मेला देखने आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए आवागमन मार्ग पर प्रकाश के साथ पुलिस को पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। असामाजिक तत्वों से बांड पत्र भरवाने को कहा गया है।
डीजीपी ने कहा कि दुर्गापूजा के दौरान फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया की 24 घंटे डिजिटल निगरानी की जाएगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर एवं जिलों के सोशल मीडिया सेल को 24 घंटे सक्रिय रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने या अराजक एवं उन्मादी पोस्ट पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।