Delhi: राजधानी दिल्ली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बड़ी सौगात दी है। दिल्ली के रोहिणी में लगभग ₹11,000 करोड़ की संयुक्त लागत वाली दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का पीएम ने उद्घाटन किया। इस हाईवे के बनने से दिल्ली को जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली खंड और शहरी विस्तार सड़क-II (UER-II) एक महत्वकांशी प्रोजेक्ट है। इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत लगभग 11,000 करोड़ रुपये है। ये परियोजनाएं दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने और पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने की केंद्र सरकार की व्यापक योजना का हिस्सा हैं।
परियोजना की मुख्य विशेषताएँ
1. द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली खंडलंबाई: 10.1 किमी (दिल्ली वाला भाग)
लागत: लगभग 5,360 करोड़ रुपये
विवरण: इसमें दो खंड शामिल हैं, शिव मूर्ति से द्वारका सेक्टर-21 आरयूबी तक 5.9 किमी और दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 4.2 किमी। यह यशोभूमि, ब्लू और ऑरेंज मेट्रो लाइनों, बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका बस डिपो के लिए मल्टीमॉडल कनेक्शन प्रदान करता है।
संदर्भ: मार्च 2024 में उद्घाटन किए गए पहले से खुले 19 किलोमीटर लंबे हरियाणा खंड का पूरक।
2. शहरी विस्तार सड़क-II (UER-II)लंबाई: कुल 76 किलोमीटर (दिल्ली में लगभग 54 किलोमीटर, हरियाणा में 21 किलोमीटर)
लागत: लगभग 8,000 करोड़ रुपये
मार्ग: दिल्ली के तीसरे रिंग रोड का हिस्सा है और अलीपुर (NH-44) से दक्षिण की ओर महिपालपुर (NH-48) तक जाता है, जो रोहिणी, मुंडका, नजफगढ़ और द्वारका से होकर गुजरता है। इसमें बहादुरगढ़ और सोनीपत के लिए स्पर शामिल हैं।
प्रभाव: आवागमन, संपर्क और जलवायु
समय की बचत: दोनों कॉरिडोर पूरी तरह से खुलने के बाद नोएडा से IGI हवाई अड्डे तक की यात्रा लगभग 20 मिनट तक कम होने की उम्मीद है।
भीड़भाड़ से राहत: ये सड़कें दिल्ली के आंतरिक और बाहरी रिंग रोड और धौला कुआं, मुकरबा चौक आदि जैसे मुख्य जंक्शनों पर दबाव कम करेंगी।
पर्यावरणीय लाभ: यात्रा समय कम होने से ईंधन की खपत और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे दिल्ली के वायु गुणवत्ता लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
एक नजर में जानने योग्य 5 प्रमुख बातें
कुल कवरेज: 10.1 किमी (दिल्ली द्वारका एक्सप्रेसवे) + 76 किमी (यूईआर-II)
निवेश: 5,360 करोड़ रुपये (द्वारका), 8,000 करोड़ रुपये (यूईआर-II); कुल लगभग 11,000 करोड़ रुपये
रणनीतिक भूमिका: कनेक्टिविटी बढ़ाना, यात्रा समय कम करना, एनसीआर में भीड़भाड़ कम करना
मल्टीमॉडल पहुँच: मेट्रो लाइनें, हवाई अड्डा, बस डिपो और प्रमुख उपनगरों के लिए मार्ग
पूर्णता की स्थिति: हरियाणा द्वारका खंड मार्च 2024 से सक्रिय; दिल्ली खंड और यूईआर-II अब चालू
व्यापार और दैनिक जीवन के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है
ये परियोजनाएँ दिल्ली के बुनियादी ढाँचे को महत्वपूर्ण रूप से उन्नत करती हैं, रसद में सुधार, पारगमन समय को कम करके और निर्बाध परिवहन संपर्कों को सक्षम करके व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देती हैं। यात्रियों के लिए इसका अर्थ है दैनिक यात्रा में अधिक पूर्वानुमान लगाना, जबकि शहरी योजनाकारों और पर्यावरणविदों के लिए यातायात और प्रदूषण में कमी, टिकाऊ शहर के लक्ष्यों के अनुरूप है।