चंडीगढ़ः कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात करेंगे।
सिद्धू के कार्यालय के सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। पंजाब की कांग्रेस इकाई में जारी घमासान के बीच सिद्धू पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने जा रहे हैं। राहुल गांधी पंजाब के पार्टी नेताओं से राज्य की राजनीतिक स्थिति और 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को मजबूत करने संबंधी आवश्यक कदमों पर उनके विचार जानने के लिए बैठकें कर रहे हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 जून को मंत्रियों ब्रह्म मोहिंद्र, विजय इंदर सिंगला, बलबीर सिंह सिद्धू और राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह दुल्लो और विधायक लखवीर सिंह लक्खा के साथ आमने-सामने की बैठक की थी। राहुल गांधी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के साथ भी बैठक कर चुके हैं। वर्ष 2019 में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच तनातनी जारी है।
नयी एसआईटी न्याय के करीब पहुंच गयी है : नवजोत सिद्धू
वर्ष 2015 में पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के मामले और बाद में पुलिस गोलीबारी की घटनाओं की जांच में कथित देरी के लिए अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार पर अक्सर निशाना साधने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को कहा कि पंजाब पुलिस की नयी एसआईटी न्याय के करीब पहुंच गयी है। सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के शुक्रवार के ट्वीट के लिए उनपर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब के मुख्यमंत्री, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कथित इशारे पर शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व को फंसा रहे हैं।
सिद्धू ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के मामले को छह साल हो चुके हैं। आपके दो साल के कार्यकाल में कोई न्याय नहीं हुआ। अगले साढ़े चार साल में कोई न्याय नहीं हुआ। आज नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) न्याय के करीब पहुंच गयी है और आप राजनीतिक हस्तक्षेप का शोर मचा रहे हैं। राजनीतिक हस्तक्षेप तब हुआ था, जिससे छह साल की देरी हुई।’’
एल के यादव के नेतृत्व में नयी एसआईटी गठित की थी
अमृतसर पूर्व सीट से विधायक सिद्धू ने सुखबीर के ट्वीट को भी टैग किया। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर पंजाब सरकार ने कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सतर्कता ब्यूरो) एल के यादव के नेतृत्व में नयी एसआईटी गठित की थी।
वर्ष 2015 में कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी की जांच कर रही नयी एसआईटी ने शनिवार को सुखबीर सिंह बादल से करीब चार घंटे तक पूछताछ की। पवित्र ग्रंथ के अनादर की घटनाएं और उसके बाद लोगों पर पुलिस की गोलीबारी की घटनाएं हुई थी उस वक्त सुखबीर उपमुख्यमंत्री थे और उनके पास गृह विभाग भी था।