लखनऊः राज्य के शिक्षित 50 हजार से अधिक युवकों को रोजगार महाकुंभ में नौकरी दिलवाने का प्रचार योगी सरकार पर मंगलवार को भारी पड़ गया. यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 26 से 28 अगस्त तक होने वाले इस रोजगार महाकुंभ के पहले ही दिन हजारों की संख्या में बेरोजगार युवा पहुंच गए और इन युवाओं को कई घंटे तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के बाहर रुकना पड़ा.
क्योंकि तब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस तीन दिवसीय रोजगार महाकुंभ 2025 का शुभारंभ नहीं किया था. मुख्यमंत्री जब इस कार्यक्रम का शुभारंभ कर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के बाहर गए, उसी के बाद बेरोजगार युवाओं को अंदर आने दिया गया. जिसके चलते हजारों की संख्या में युवा अचानक ही रोजगार स्टॉल तक पहुंच गए और आयोजकों के पसीने छूट गए.
युवाओं को व्यवस्था देने में प्रशासन नाकाम नजर आया और देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई. सभागार में लगे शीशे के दरवाजे तक टूट गए. कुल मिलाकर रोजगार महाकुंभ का पहला दिन युवाओं के मंसूबों पर पानी फेरने वाला साबित हुआ. अब कहा जा रहा है कि तमाम युवाओं के दस्तावेज़ ले लिए गए हैं और बुधवार से उन्होने रोजगार मुहैया कराने संबंधी कार्रवाई की जाएगी.
इसलिए हुई अव्यवस्था
मंगलवार को जो कुछ हुआ इसकी कल्पना रोजगार महाकुंभ आयोजित करने वाले आयोजकों ने नहीं की थी. आयोजकों को भरोसा था कि जैसे अभी तक सीएम योगी के संकल्प, “हर हाथ को काम, हर युवा को सम्मान” के तहत रोजगार मेले में लोग आते रहे हैं, उसी तर्ज पर इस रोजगार महाकुंभ में भी युवा आएगे.
इसी सोच के तहत सारे आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई थी कि सीएम योगी द्वारा रोजगार महाकुंभ का शुभारंभ करने के बाद इस आयोजन में शामिल होने वाले युवाओं के दस्तावेज़ लेकर उन्हे रोजगार मुहैया करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस तय योजना के मुताबिक सीएम योगी ने रोजगार महाकुंभ 2025 का शुभारंभ कर यह ऐलान किया कि प्रदेश में कार्य करने वाले प्रत्येक युवा को न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाएगी और कोई भी कंपनी या नियुक्ता कर्मचारी का शोषण नहीं कर पाएगा.
युवाओं को नौकरी देने वाली कंपनियां अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करेंगी, जबकि इसके अतिरिक्त चार्जेज की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी. यह व्यवस्था युवाओं को सम्मानजनक रोजगार, नौकरी की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगी. यह दावा करते हुए सीएम योगी ने बीते आठ वर्षों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए क्या कदम उठाए हैं,
इसका भी विस्तार से जिक्र किया. मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम की वजह से रोजगार पाने के लिए प्रदेश के कई जिलों से आए हजारों युवाओं को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के बाहर रोक दिया गया था. ऐसे में जैसे ही सीएम योगी कार्यक्र्म स्थल से बाहर गए तो प्रतिष्ठान के बाहर खड़े युवा अंदर आ गए और वह सीधे कंपनियों के लगाए गए रोजगार स्टालों पर पहुंच गए.
इस कारण समूचा आयोजन अव्यवस्था का शिकार हो गया. काफी मशक्कत के बाद स्थिति पर नियंत्रण हो सका. जिसके बाद युवाओं के दस्तावेज़ तमाम कंपनियों ने लिए. कहा जा रहा है कि देर शाम तक युवाओं के रिज्यूम और नंबर नोट किया जाएंगे है. फिर बाद में नियुक्ति पत्र और ऑफर लेटर देने की जानकारी फोन पर दी जाएगी.
यह कंपनियां आई हैं रोजगार महाकुंभ में
लखनऊ में आयोजित रोजगार महाकुंभ में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में और डेटा-ड्रिवेन सॉल्यूशंस पर काम करने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस माइक्रोसॉफ्ट और इंटेल जैसी अंतरराष्ट्रीय दिग्गज कंपनियों के स्टॉल लगे हैं. ये कंपनियां सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हार्डवेयर डिजाइन जैसे क्षेत्रों में युवाओं को नौकरियां देंगी. इसके अलावा ई-कॉमर्स सेक्टर से फ्लिपकार्ट, अमेजन, जैसी कंपनियों की मौजूदगी भी है.
युवाओं को सप्लाई चेन मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स, डेटा एनालिटिक्स और ऑनलाइन रिटेल ऑपरेशन में में रोजगार देने के लिए कई कंपनियों ने स्टाल लगाए हैं. रोजगार महाकुंभ के आयोजकों का कहना है कि देश और विदेश की कुछ 100 कंपनियों के स्टॉल लगाए गए हैं और तीन दिनों में 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.