प्रयागराज 23 सितंबर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या की घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचने वाले प्रमुख लोगों में से एक सर्वेश द्विवेदी उर्फ बबलू ने दावा किया है कि उनका (महंत) फोन बंद आ रहा था और दरवाजा खटखटाने के बाद जब अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो शिष्यों ने किवाड़ तोड़ी जहां वह पंखे से लटके मिले।
बबलू ने कहा, ‘‘जब हम दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो महाराज जी पंखे से लटके मिले। हमने आनन-फानन में चाकू मंगाया और रस्सी को काटकर उन्हें नीचे उतारा। हमें लग रहा था कि महाराज जी जिंदा होंगे लेकिन जब कोई हलचल नहीं हुई तो हमने पुलिस को फोन किया और 15 से 20 मिनट में पुलिस वहां आ गई जिसने फिर आगे की कार्रवाई।’’
उन्होंने बताया कि गिरि उस कमरे में स्थायी तौर पर नहीं रहते थे और जब वहां आते थे तो वहां बैठते थे एवं विश्राम करते थे तथा उस दिन भी यही हुआ।
बबलू ने कहा, ‘‘हम लोगों ने फोन किया तो उनका फोन बंद था जिसके बाद दरवाजा तोड़ा गया।
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