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ओमीक्रोन ज्यादा संक्रामक? WHO की कोरोना के नए वेरिएंट पर रिपोर्ट क्या कहती है, जानें 10 जरूरी बातें

By विनीत कुमार | Published: December 09, 2021 9:29 AM

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ओमीक्रोन में लक्षण भले ही डेल्टा वेरिएंट से कम हैं लेकिन अस्पताल जाने वालों की तादाद बढ़ सकती है और इससे कई देशों में स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ पड़ सकता है।

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रोन ज्यादा संक्रामक और तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पूर्व में यह बात कह चुका है। WHO के अनुसार ओमीक्रोन वैक्सीन ले चुके और पूर्व में संक्रमित हो चुके लोगों को भी आसानी से निशाना बनाने की क्षमता रखता है। 

साथ ही डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसमें बीमारी डेल्टा से कम खतरनाक होगी और ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण होंगे। राहत की बात ये है कि इस वेरिएंट से अभी तक किसी मौत की खबर नहीं है। WHO ने और क्या कहा है ओमीक्रोन पर, जानिए 10 बातें...

1. डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि ओमीक्रोन के मामले दुनिया के 57 देशों में अब तक सामने आए हैं। अभी तक इन देशों में पहचाने गए अधिकांश मामले यात्रा से संबंधित हैं। हालांकि, और विस्तृत जानकारी आने पर यह समीकरण बदल भी सकता है।

2. डब्ल्यूएचओ के आपात निदेशक माइकल रयान ने कहा कि वेंरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और शायद डेल्टा की तुलना में यह ज्यादा तेज है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि वायरस को फैलने से रोका नहीं जा सके।

3. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भले ही यह कम खतरनाक लगता है, फिर भी यह अधिक लोगों को प्रभावित कर सकता है। इससे दुनिया भर के देशों में स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह तेजी से फैलता है।

4. भले ही ओमीक्रोन पर टीके का प्रभाव कम नजर आता हो, फिर भी कुछ आंकड़े बताते हैं यह (टीका) बीमारी को गंभीर होने से रोकता है।

5. टीकों पर ओमीक्रोन के प्रभाव के बारे में डब्ल्यूएचओ ने कहा है, 'इस संबंध में आकलन के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है कि क्या ओमीक्रोन वेरिएंट से वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी रक्षा करने में कामयाब होती है। टीके के प्रभाव सहित टीके के अतिरिक्त डोज के इस्तेमाल के प्रभाव पर भी जानकारी के लिए और डेटा की जरूरत है।

6. दक्षिण अफ्रीका में सीरो सर्वे बताते हैं कि 60 से 80% तक लोगों में इम्यूनिटी है जबकि टीकाकरण कवरेज 35% है। इसके बावजूद ओमाइक्रोन तेजी से फैला है क्योंकि इसमें संक्रमित हो चुके लोगों को भी फिर से संक्रमित करने की क्षमता है।

7. ओमीक्रोन की गंभीरता पर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भले ही इसकी गंभीरता डेल्टा संस्करण की तुलना में समान या संभावित रूप से कम हो, पर आशंका है कि अधिक लोग संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होंगे।

8. यूरोपीय संघ के 18 देशों में 6 दिसंबर तक पहचाने गए 212 ओमीक्रोन मामले बताते हैं कि सभी में हल्के लक्षण हैं। वहीं, दक्षिण अफ्रीका में 18 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच अस्पताल में मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। वैसे यह पता नहीं चल पाया है कि इसका कारण ओमीक्रोन है या नहीं।

9. WHO ने यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल की रिपोर्ट का हवाला दिया है कि यदि एक प्रतिशत भी कोविड संक्रमण ओमीक्रोन प्रकार के कारण होते हैं तो यह 1 जनवरी 2022 तक यूरोप में ज्यादा प्रभावी वेरिएंट हो जाएगा।

10. ओमीक्रोन से अभी तक किसी गंभीर बीमारी की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। 

टॅग्स :ओमीक्रोन (B.1.1.529)कोरोना वायरसवर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशनWHO Africa
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