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दुनिया के शीर्ष 130 शहरों में शामिल दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई?, जानें छात्रों के लिए सबसे सस्ता और महंगा कौन, क्यूएस रैंकिंग की रिपोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 15, 2025 22:12 IST

लंदन स्थित क्यूएस द्वारा घोषित "2026 क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज़ रैंकिंग’’ के अनुसार, मुंबई ने वैश्विक शीर्ष 100 शहरों में फिर से प्रवेश किया है।

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ठळक मुद्दे15 स्थान ऊपर चढ़कर 98वें स्थान पर पहुंच गया है।दिल्ली 7 स्थान चढ़कर 104वें स्थान पर पहुंच गया है।पैमाने पर अच्छा प्रदर्शन किया है और शीर्ष 15 शहरों में शामिल हैं।

नई दिल्लीः दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई छात्रों के लिए दुनिया के शीर्ष 130 शहरों में शामिल हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी को छात्रों के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे किफायती शहर का दर्जा दिया गया है। मंगलवार को घोषित ‘क्यूएस रैंकिंग’ से यह जानकारी मिली। छात्रों के लिहाज से बेहतरीन शहरों की रैंकिंग में शामिल सभी चार भारतीय महानगरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई ने अपनी स्थिति में सुधार किया है, जो भारत में उच्च शिक्षा के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है। लंदन स्थित क्यूएस द्वारा घोषित "2026 क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज़ रैंकिंग’’ के अनुसार, मुंबई ने वैश्विक शीर्ष 100 शहरों में फिर से प्रवेश किया है और 15 स्थान ऊपर चढ़कर 98वें स्थान पर पहुंच गया है। दिल्ली सात स्थान चढ़कर 104वें स्थान पर पहुंच गया है।

जबकि भारतीय शहरों में बेंगलुरु सबसे ज़्यादा सुधार करते हुए 22 स्थान ऊपर चढ़कर 108वें स्थान पर पहुंच गया है। चेन्नई भी उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ा है और 12 स्थान ऊपर चढ़कर 128वें स्थान पर पहुंच गया है। मुंबई और बेंगलुरु ने भी किफायती के पैमाने पर अच्छा प्रदर्शन किया है और शीर्ष 15 शहरों में शामिल हैं।

नियोक्ता गतिविधि श्रेणी में, दिल्ली और मुंबई दोनों ही वैश्विक स्तर पर शीर्ष 50 में शामिल हो गए हैं, जो स्नातकों के लिए रोज़गार की मज़बूत संभावनाओं को दर्शाता है। इस आयाम में बेंगलुरु ने सबसे तेज़ छलांग लगाई है, जो 41 स्थानों की छलांग लगाकर 59वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि चेन्नई ने 29 स्थानों की प्रभावशाली छलांग लगाई है।

क्यूएस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेसिका टर्नर ने कहा, "2026 क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज़ रैंकिंग में भारत की बढ़ती उपस्थिति एक सांख्यिकीय उछाल से कहीं अधिक है। यह देश के उच्च शिक्षा परिदृश्य में एक ढांचागत बदलाव को दर्शाती है।

जैसे-जैसे हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पांचवीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं, वैश्विक जुड़ाव, गुणवत्ता वृद्धि और छात्र-केंद्रित शिक्षा पर इसका ध्यान अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाभदायक दिखने लगा है।" लगातार छह वर्षों तक शीर्ष स्थान पर रहा लंदन तीसरे स्थान पर खिसक गया, जिसका मुख्य कारण 'किफायती' सूचकांक में उल्लेखनीय गिरावट थी।

जहां यह 11 स्थान नीचे गिरकर विश्व स्तर पर 137वें स्थान पर आ गया। क्यूएस कम से कम 2,50,000 की आबादी वाले शहरों और कम से कम दो विश्वविद्यालयों को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में स्थान दिलाने वाले शहरों को रैंकिंग प्रदान करता है।

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