बॉलीवुड में जगजीत सिंह का नाम एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी गजल गायकी से लगभग चार दशक तक गजल के दीवानों के दिल पर अमिट छाप छोड़ी। 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में जगजीत सिंह के बचपन का नाम जगमोहन था लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने अपना नाम बदल लिया। म्यूजिक में बचपन से ही उनकी काफी रूचि थी। संगीत की शिक्षा उन्होंने उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से हासिल की। आइए आज जगजीत जी के जन्मदिन पर सुनें कुछ सुकून देने वाली गजलें-
प्रेम गीत (होठों से छू लो तुम)
प्रेम गीत का होठों से छू लो तुम जब जगजीत सिंह ने गाया तो हर कोई उनका दीवाना हो गया। उनकी आवाज की मिठास फैंस के कानों में घुल गई।
साथ-साथ (तुमको देखा तो ये)
जगजीत सिंह ने जब साथ-साथ फिल्म में तुमको देखा तो ये गाना गाया तो हर कोई सुनता रह गया। ये आज भी फैंस के बीच उतना ही पसंद किया जाता है, जितना 1982 में किया जाता था।
तुम बिन (कोई फरियाद)
ऐसे तो तुम बिन फिल्म की म्यूजिक काफी बेहतरीन थी। लेकिन जगजीत सिंह की आवाज में सजा कोई फरियाद जब फैंस के सामने आया को हर कोई इसका दीवाना हो गया।
सरफरोश (होश वालों को खबर)
हर प्यार करने वाले को जो गाना पसंद आता है वो है होश वालों को खबर क्या। इसको भी जगजीत सिंह ने अपनी आवाज से सजाया था।
मेरे जैसे बन जाओगे (एल्बम)
अपनी पत्नी के साथ जगजीत सिंह की आवाज का गाना मेरे जैसे बन जाओगे तुम जब...फैंस को हमेशा जमकर भाता है।