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ब्रिटेन की न्यायाधीश ने वीकीलीक्स के संस्थापक असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने से इनकार किया

By भाषा | Updated: January 4, 2021 18:17 IST

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लंदन, चार जनवरी (एपी) ब्रिटेन की एक न्यायाधीश ने जासूसी के आरोपों का सामना करने के लिए ' वीकीलीक्स ' के संस्थापक जूलियन असांजे को प्रत्यर्पित करने के अमेरिका के आग्रह को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा है कि असांजे की मानसिक स्थिति को देखते हुए, उन्हें प्रत्यर्पित करने की इजाज़त देना “अत्याचार “ होगा।

जिला न्यायाधीश वैनिसा बराइटसेर ने सोमवार को कहा कि अगर असांजे को अमेरिका भेजा जाता है तो वह खुदकुशी कर सकते हैं। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी।

अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी के 17 आरोप लगाएं हैं जबकि एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है। इन आरोपों में अधिकतम सजा 175 साल कैद है। ये इल्ज़ाम एक दशक पहले लीक हुए सेना एवं राजनयिक दस्तावेजों को वीकीलीक्स द्वारा प्रकाशित करने के संबंध में हैं।

ऑस्ट्रेलिया के 49 वर्षीय नागरिक के वकीलों ने दलील दी है कि वह पत्रकार के तौर पर काम कर रहे थे, इसलिए वह दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत संरक्षण के हकदार हैं। इन दस्तावेजों में अमेरिकी सैनिकों द्वारा इराक और अफगानिस्तान में किए गए कथित गलत कामों के बारे में जानकारी है।

न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के इस दावे को खारिज किया कि असांजे अभिव्यक्ति की गारंटी द्वारा संरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनका आचरण साबित किया गया तो वह इस अधिकारक्षेत्र में अपराध के समान होगा जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके अधिकार से संरक्षित नहीं होगा।

मगर न्यायाधीश ने कहा कि असांजे क्लिनीकल अवसाद से पीड़ित हैं जो पृथक रहने से और बढ़ेगा। उन्हें अमेरिका के जेल में अलग ही रखे जाने की संभावना है।

न्यायाधीश ने कहा कि असांजे के पास " मेधा और दृढ़संकल्प" है जो अधिकारियों के आत्महत्या रोकथाम को लेकर उठाए जाने वाले कदमों को नाकाम कर सकता है।

इससे पहले असांजे की कानूनी टीम ने अमेरिका पर राजनीति से प्रेरित अभियोजन चलाने का आरोप लगाया था जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जानकारियों को हासिल करने एवं प्रकाशित करने को अपराध बताने की कोशिश की गई है।

दूसरी ओर अमेरिकी सरकार के वकीलों ने इस बात से इनकार किया है कि असांजे के खिलाफ अभियोजन मात्र लीक दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए चलाया जा रहा है, बल्कि मामले का बड़ा हिस्सा राजनयिक केबल (संवाद) और सैन्य फाइलों को चुराने में अवैध संलिप्तता पर आधारित है।

असांजे की परेशानियां तब शुरू हुई थी जब 2010 में स्वीडन के आग्रह पर लंदन में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। स्वीडन दो महिलाओं द्वारा लगाए गए बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर असांजे से पूछताछ करना चाहता था। स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए असांजे ने 2012 में लंदन स्थित इक्वेडोर के दूतावास में शरण ली थी। इस तरह वह ब्रिटेन और स्वीडन के अधिकारी की पहुंच से दूर हो गए।

अप्रैल 2019 में दूतावास से बाहर आने पर ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें जमानत लेकर भागने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

स्वीडन ने नवंबर 2019 में यौन उत्पीड़न के आरोप वापस ले लिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा समय लग गया था। लेकिन असांजे लंदन की जेल में ही रहे और प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के लिए उन्हें जेल की वैन से अदालत लाया गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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