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सावन में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है, जानें जरूरी बातें

By प्रतीक्षा कुकरेती | Updated: July 16, 2020 16:51 IST2020-07-16T16:51:44+5:302020-07-16T16:51:44+5:30

सावन में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को रखने से भगवान शिव भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं। इस बार सावन का पहला प्रदोष व्रत 18 जुलाई को है। सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13वें दिन (त्रयोदशी) पर होता है। अगर व्यक्ति यह व्रत श्रद्धापूर्वक और विधि-विधान के साथ करता है तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति के पाप भी धुल जाते हैं। पौराणिक मान्यता है कि जब चारों ओर अधर्म का राज होगा और मनुष्यों में स्वार्थ भाव आ जाएगा। मनुष्य सत्कर्म करने के बजाय गलत कर्म करेगा। इस समय अगर कोई भगवान शिव का त्रयोदशी व्रत करेगा तो उसे भोलेनाथ का आर्शीवाद मिलेगा। इससे व्यक्ति अपने कर्मों से बरी होकर मोक्ष के मार्ग पर जाएगा। आइये आपको इस व्रत के बारे में बताते हैं जरूरी बातें..

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