googleNewsNext

Year Ender 2020: इस साल Modi Govt ने इन 6 कंपनियों को बंद करने का लिया फैसला

By गुणातीत ओझा | Updated: December 31, 2020 21:18 IST2020-12-31T21:17:12+5:302020-12-31T21:18:44+5:30

मोदी सरकार ने हाल के दिनों में कई घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को बंद करने का फैसला लिया है। इनमें से कुछ कंपनियां कुछ साल पहले तक अपने क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध थीं।

साल 2020 में बंद हो गईं ये जानी-मानी कंपनियां

साल 2020 देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अच्छा नहीं था। कोरोना महामारी ने कई देशों को तोड़कर रख दिया। कुछ देशों की अर्थव्यवस्था डूब गई तो कुछ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अपने देश की बात करें तो यहां भी कई ऐसे व्यवसाय बंद हो गए जिन्हें हम अपने जन्म से जानते थे। छोटे-मोटे व्यवसाय से इतर भारत सरकार को भी कई कंपनियों को बंद करने का कठोर फैसला लेना पड़ा। मोदी सरकार ने हाल के दिनों में कई घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को बंद करने का फैसला लिया है। इनमें से कुछ कंपनियां कुछ साल पहले तक अपने क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध थीं। लेकिन अब उन पर ताले लटके हुए हैं। इन कंपनियों को बंद करने के पीछे सरकार का विनिवेश के मोर्चे पर आगे बढ़ना है। चालू वित्त वर्ष के दौरान 2.10 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार पब्लिक सेक्टर कंपनियों के विनिवेश के जरिए 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी। वहीं, वित्तीय संस्थाओं की हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए अन्य 90,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।

हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड:
हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड रसायन और पेट्रो रसायन विभाग के तहत आने वाली सरकारी कंपनी है। घाटे में चल रही इस कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों को स्वैच्छिक पृथक्करण और सेवानिवृत्ति योजना के तहत उचित हर्जाना दिया जाएगा। इसके लिए सरकार कंपनी को बिना किसी ब्याज के 77.20 करोड़ रुपये देगी। इसकी भरपाई कंपनी की जमीन और संपत्ति बेचकर प्राप्त धन से की जाएगी।

स्कूटर्स इंडिया:
देश को लम्ब्रेटा, विजय डीलक्स और विजय सुपर जैसे स्कूटर देने वाले स्कूटर इंडिया लिमिटेड को केंद्र सरकार ने बंद करने का ऐलान किया है।आखिरी बार 1980 में स्कूटर इंडिया ने बाजार में लम्ब्रेटा लॉन्च किया था। इस कंपनी के सभी प्लांट बंद हैं।

भारत पम्प्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड:
भारत पम्प्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड भारत सरकार की एक लघुरत्न कंपनी है। यह रेसिप्रोकेटिंग पम्प, सेन्ट्रिफ्युगल पम्प, रेसिप्रोकेटिंग कम्प्रेसर, और उच्च दाब के सीवनहीन (सीमलेस) गैस सिलेंडर बनाती थी। इसका मुख्यालय इलाहाबाद में है।

हिंदुस्तान प्रीफैब:
हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (एचपीएल) भारत के सबसे पुराने सीपीएसई में से एक है। एचपीएल को 1948 में एक विभाग के रूप में स्थापित किया गया था। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान पाकिस्तान से पलायन कर रहे लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इसकी स्थापना की गई थी। बाद में एचपीएल को 1953 में हिंदुस्तान हाउसिंग फैक्टरी लिमिटेड के नाम से एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया। 9 मार्च 1978 को कंपनी का नाम बदल कर हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड रखा गया।

हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड:
हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट (HNL) को केरल के वेल्लूर में 7 जून 1983 को हिन्दुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्वाधीन सहायक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था। साल 1998 में एचएनएल आकर्षक आईएसओ 9002 प्रमाणन प्राप्त करने वाली देश की प्रथम न्यूजप्रिण्ट निर्माता बनी। अब कंपनी पर ताला लटका हुआ है।

कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (केएपीएल):
सन् 1984 में एक मामूली शुरुआत से केएपीएल विभिन्न जीवन रक्षक और आवश्यक दवाओं के निर्माण और विपणन के क्षेत्रों में मजबूती के साथ कदम रखा था। आईएसओ मान्यता के साथ, केएपीएल को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में गुणवत्ता और सेवाओं के लिए अपनी कुल प्रतिबद्धता के लिए पहचाना जाता था।

टॅग्स :ईयर एंडर 2020नरेंद्र मोदीYear Ender 2020Narendra Modi