आज पीएम जब लॉकडाउन के दौरान 5 वीं बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर रहे थे तो इस दो अहम बातें हुई. पहली पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वैसे तो हम इस संकट में एक साथ है लेकिन केंद्र सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए हमें बार-बार टारगेट किया है. इतनी ही नहीं दीदी कुछ और तल्ख हो गयी. उन्होंने कहा कि जब लैंड बॉर्डर खोल दिया गया है, ट्रेन चालू कर दी गयी है, एअरपोर्ट खोल दिए गये तो लॉकडाउन का क्या मतलब रह जाता है. इसके बाद दूसरी अहम बात कही कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा मार झेल रहे महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने. उद्धव ने कहा कि अगर राज्य को जरुरत पड़ी तो केंद्रीय बल भेजे जाने चाहिए. उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोनावायरस लॉकडाउन की वजह से राज्य सरकार की पुलिस पर काम का काफी बोझ है उनके कर्मी भी संक्रमित हो रहे हैं. उद्धव ने कहा कि मई में कोरोनावायरस मामले चरम पर होने की उम्मीद है. जून या जुलाई में भी चरम पर पहुंच सकता है. उद्धव ने कहा कि मैंने पढ़ा है कि वुहान में कोरोनावारस ने दूसरी बार हमला किया है. यहां तक कि डब्ल्यूएचओ ने भी इस बारे में चेतावनी दी है. इसलिए, मेरा सुझाव है कि लॉकडाउन पर किसी भी कार्रवाई को सावधानी से किया जाना चाहिए. 12 मई से 15 स्पेशल ट्रेनें चलाए जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई की लोकल ट्रेनें भी चलनी चाहिए. जिसका इस्तेमाल जरूरी सेवाओं में लगे लोगों को लाने ले जाने के लिए किया जाएगा. लेकिन पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह चाहते हैं कि लॉकडाउन को बढ़ा दिया जाए लेकिन सावधानीपूर्वक तैयार की गई रणनीति के साथ जिससे लोगों की जान भी बचे और सरकार के खजाना और इकॉनॉमी भी सांस ले सके. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, कंटेनमेंट ज़ोन को छोड़कर दिल्ली में आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए. पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि आज आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे. पीएम बोले कि पूरी दुनिया मानती है कि भारत खुद को कोविड-19 से सफलतापूर्वक सुरक्षित रख पाया है, राज्यों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पीएम ने मुख्यमंत्रियों से कहा, ‘‘जहां भी हमने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया, हमारी समस्याएं बढ़ गयीं. हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती रियायतों के बाद भी कोविड-19 को गांवों तक फैलने से रोकने की होगी. कोरोना वायरस महामारी को काबू में करने और रूकी पड़ी इकॉनॉमी को सावधानी के साथ रफ्तार कैसे दी इस पर पीएम ने राय ली और अपनी बात कही. देश भर से घर वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के पलायन पर पीएम ने कहा, "हमने जोर देकर कहा कि लोगों को वहीं रहना चाहिए जहां वे हैं. लेकिन यह मानवीय स्वभाव है कि हम घर जाना चाहते हैं और इसलिए हमें अपने निर्णयों को बदलना होगा. इसके बावजूद, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह बीमारी न फैले और गांवों में ना पहुंच जाए, यह हमारे लिए बड़ी चुनौती है.