नई दिल्ली: खुफिया ब्यूरो का एक कर्मचारी दिल्ली के दंगा ग्रस्त इलाके चांद बाग में बुधवार को मृत पाया गया. पुलिस का कहना है कि अंकित शर्मा चांद बाग इलाके में रहते थे और शायद पथराव में उनकी जान गई. उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया है. खुफिया ब्यूरो में काम करने वाले 26 वर्षीय अंकित शर्मा का शव बुधवार दोपहर (26 फरवरी) को नाले (ड्रेन) में बरामद हुआ है. बताया जा रहा है कि अंकित शर्मा मंगवलार 25 फरवरी से लापता थे जब कथित तौर पर उनके घर के नजदीक उपद्रवियों के एक समूह ने हमला किया था. अंकित शर्मा आईबी के साथ सुरक्षा सहायक के रूप में काम कर रहे थे . अंकित 2017 में आईबी में शामिल हुआ थे. पुलिस अधिकारियों के अनुसार उनके परिवार के सदस्यों ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि कुछ लोगों ने मंगलवार 25 फरवरी को हमारे घर पर पथराव करना शुरू कर दिया. परिवार के सदस्यों ने अंकित को फोन किया और उसे बचाने का आग्रह किया. अंकित गली में पहुंचा लेकिन लोगों के गुट ने अंकित को रोक लिया गया. भीड़ में शामिल लोग अंकित उसे मारते हुए दूर ले गए. अंकित के पिता रविंद्र शर्मा आईबी में खुद हेड कांस्टेबल हैं. उनके अनुसार, अंकित को पीटा गया और गोली मार दी गई. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल में भेज दिया है. संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा मामले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई. लेकिन दिल्ली में जारी हिंसा के मामले पर सुनवाई के दौरान आज हाई कोर्ट को बताया गया कि अब तक 17 मौतों की ही पुष्टि हुई है. वहीं जीटीबी अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार घायलों की संख्या अब 189 हो गई है. जीटीबी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट का कहना है कि मंगलवार आधी रात से ला जा रहे लोगों कोअलग-अलग तरह की चोटें आई हैं जिसमें गोली लगने से घायल हुए लोगों से लेकर हिंसा से बचने के लिए छतों से कूदने के कारण घायल हुए लोग शामिल हैं. इनमें अधिकतर के सिर में चोट आई है. इस बीच, दिल्ली हाई कोर्ट ने आधी रात को हुई सुनवाई में पुलिस को संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में घायल हुए लोगों को आपात उपचार के लिए सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. घायलों को पर्याप्त सुविधाओं के साथ तुरंत और सुरक्षित तरीके से अस्पताल पहुंचाने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग पर न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के घर पर सुनवाई हुई.