दिल्ली: पैसे न लौटाने पर दोस्त बने दुश्मन, दिल्ली एसीपी के बेटे की हरियाणा में बेहरमी से हत्या

By अंजली चौहान | Published: January 27, 2024 10:31 AM2024-01-27T10:31:42+5:302024-01-27T11:32:54+5:30

दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी के बेटे की हत्या मामले में एक आरोपी गिरफ्तार।

Delhi ACP's son brutally murdered in Haryana Friends became enemies for not returning the money | दिल्ली: पैसे न लौटाने पर दोस्त बने दुश्मन, दिल्ली एसीपी के बेटे की हरियाणा में बेहरमी से हत्या

दिल्ली: पैसे न लौटाने पर दोस्त बने दुश्मन, दिल्ली एसीपी के बेटे की हरियाणा में बेहरमी से हत्या

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस एसीपी के बेटे की बेहरमी से हत्या के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी एसीपी का दोस्त है जो उसे शादी समारोह में हरियाणा लेकर गया था। शुक्रवार को पुलिस ने बताया कि पुलिस के सहायक आयुक्त के 26 वर्षीय बेटे लक्ष्य चौहान को पैसों के लेन-देन को लेकर उसके ही दो दोस्तों ने उसे नहर में धक्का दे दिया। 

पीड़ित लक्ष्य चौहान की तलाश के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है। इस बीच पुलिस ने उसके दो दोस्तों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है और दूसरे को पकड़ने की कोशिश जारी है।

लक्ष्य चौहान और उनके दो दोस्त - विकास भारद्वाज और अभिषेक - सोमवार को शादी समारोह में शामिल होने के लिए हरियाणा के सोनीपत गए थे।

योजना बनाकर की हत्या

शादी में शामिल होने के लिए हरियाणा गया लक्ष्य मंगलवार को घर नहीं आया और उसका फोन बंद हो गया, तो उसके पिता एसीपी यशपाल सिंह ने मंगलवार को उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। सिंह बाहरी-उत्तरी दिल्ली में एसीपी (ऑपरेशंस) के पद पर तैनात थे।

जांच के दौरान, पुलिस को चौहान के लापता होने में गड़बड़ी का संदेह हुआ और उसकी गुमशुदगी की शिकायत को अपहरण की एफआईआर में बदल दिया गया। मामले से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को मामले में हत्या के आरोप भी जोड़े गए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।

पेशे से वकील चौहान बाहरी दिल्ली के समयपुर बादली इलाके में अपने माता-पिता के साथ रहते थे। वह तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे थे। अभिषेक उनके परिचित थे, जबकि भारद्वाज तीस हजारी में एक अन्य वकील के लिए क्लर्क के रूप में काम कर रहे थे।

चौहान के लापता होने के तीन दिन बाद, 19 वर्षीय अभिषेक को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान, उसने पुलिस को बताया कि भारद्वाज ने उसे सोमवार दोपहर को फोन किया था और उसे सोनीपत में उसके और चौहान के साथ एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए कहा था।

भारद्वाज ने उसे यह भी बताया था कि चौहान ने उनसे कुछ पैसे उधार लिए थे लेकिन जब भी उन्होंने उनसे इसे वापस करने के लिए कहा, तो उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। अधिकारी ने कहा कि इसके बाद भारद्वाज ने अभिषेक के साथ मिलकर शीर्ष पुलिस अधिकारी के बेटे को खत्म करने की साजिश रची।

एसीपी सिंह के बेटे ने आरोपी को रोहिणी के मुकरबा चौक के पास से उठाया। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वे रात में विवाह समारोह स्थल पर पहुंचे और 12 बजे के बाद वहां से चले गए।

वापस जाते समय, तीनों ने मुनक नहर के पास प्रकृति की शरण में जाने के लिए सड़क किनारे कार रोक दी। इसे सही समय पाते हुए, भारद्वाज और अभिषेक ने कथित तौर पर चौहान को नहर में धक्का दे दिया और अपनी कार में घटनास्थल से भाग गए।

दिल्ली में प्रवेश करने के बाद भारद्वाज ने अभिषेक को नरेला के पास छोड़ा और वहां से चले गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभिषेक को गुरुवार को नरेला में उसके करीबी से हिरासत में लिया गया।

अभिषेक के बयान के आधार पर, उसकी गिरफ्तारी की गई और अपहरण की एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) भी जोड़ा गया।

फिलहाल, लक्ष्य के शव को खोजने और दूसरे आरोपी विकास भारद्वाज को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है।

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