शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति हैं। वह चीन की साम्यवादी (कम्युनिस्ट) पार्टी के 15 नवम्बर 2012 से महासचिव हैं। वे चीनी साम्यवादी पार्टी के एक पुराने नेता शी झोंगशुन के बेटे हैं। उन्हें भ्रष्टाचार पर कड़े रुख और राजनैतिक-आर्थिक व्यवस्थाओं में सुधार के लिए बस दो टूक बोलने के लिए जाना जाता है। उन्हें चीनी साम्यवादी पार्टी के नेतृत्व की 5वीं पीढ़ी का प्रधान भी कहा जाता है। उनका जन्म 15 जून 1953 को हुआ था। Read More
उम्मीद की जा रही है कि 68 वर्षीय ओली के राजनीतिक भविष्य के बारे में शुक्रवार को स्थायी समिति की बैठक के दौरान फैसला किया जा सकता है। इस बीच नेपाल में चीनी राजदूत होउ यान्की की सक्रियता बढ़ गयी है ताकि ओली की कुर्सी को बचाया जा सके। ...
एलएसी के दोनों ओर 45000 जवानों के पीछे हटने पर भी चर्चा होगी, सूत्रों का कहना था। इससे पहले दो दफा चीन के मोलदो और एक बार भारत के चुशुल में बातचीत हो चुकी है। ...
कार्यालय खोले जाने पर हांगकांग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम के साथ शहर के लिए नवनियुक्त उपनिदेशक लुओ हुईनिंग ने कहा कि यह नया मुख्यालय हांगकांग की ‘सुरक्षा के लिए दूत’ और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए द्वार’ की तरह काम करेगा। ...
नेपाल पुलिस भारतीय क्षेत्र की 20 मीटर जमीन पर अपना दावा ठोक रही थी. सड़क का निर्माण भिठ्ठामोड चौक से नो मेंस लैंड तक हो रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल सशस्त्र पुलिस बल (नेपाल पुलिस) ने भारतीय सीमा क्षेत्र की 20 मीटर जमीन पर अपना दावा ठोका है ...
गुइझू प्रांत में आंशुन नगर सरकार ने एक बयान में कहा कि 15 लोगों को बचाकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस को भी झील से निकाला गया। लापता यात्रियों को खोजने के लिए प्रयास जारी है। ...
आबे की सरकार के शीर्ष प्रवक्ता, मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने कहा कि शी की यात्रा के लिए समय उचित नहीं है और कुछ भी तय नहीं किया गया है। उन्होंने जापान-चीन संबंधों पर प्रस्ताव के संभावित प्रभाव पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। ...
सियाचिन हिमखंड पर प्रतिदिन सेना व वायुसेना 10 करोड़ की राशि खर्चा करती है। और अब ठीक इसी प्रकार का नया आर्थिक बोझ लद्दाख के मोर्चे पर उठाना पडे़गा, क्योंकि चीन के बढ़ते कदमों को रोकना लाजिमी है। ...
चीनी सेना की चाल थी जिसके तहत उसने पीपी-14 प्वाइंट और गलवान वैली के झड़प वाले इलाकों को मिला कर करीब 3 किमी के क्षेत्र को बफर जोन में परिवर्तित करने के लिए भारतीय सेना पर दबाव डाला था। फिलहाल लद्दाख के मोर्चे पर यह सवाल सबसे बड़ा है कि आखिर पीछे कौन हट ...