भारत की आजादी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ। पिता का नाम झावेर भाई और माता का नाम लाडबा पटेल था। अटल इरादों और लौह इच्छाशक्ति की वजह से इन्हें देश का बिस्मार्क और लौह पुरूष कहा जाता है। देश के एकीकरण में उनका महान योगदान था। सन 1950 में उनका निधन हो गया। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में उनकी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। Read More
एनसीईआरटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि फरवरी 2021 तक नए पाठ्यक्रम में क्या-क्या शामिल होगा यह तय कर लिया जाएगा। इसमें राममंदिर भी शामिल होगा। इसके बाद पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने में करीब एक साल का समय लगेगा। ...
नर्मदा जिले के केवड़िया में स्थित देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की प्रतिमा को स्टेच्यू ऑफ यूनिटी कहा जाता है। 31 अक्टूबर 2018 को इसके अनावरण के बाद से यह पर्यटकों के लिये आकर्षण का मुख्य केन्द्र बन गया है। ...
गुजरात के आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने ट्रम्प से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास रहने वाले आंदोलनकारी आदिवासियों और भाजपा के नेतृत्व वाली गुजरात और केंद्र सरकारों के बीच ‘‘मध्यस्थता’’ करने का आग्रह किया है। ...
राज्य सभा सांसद जयराम रमेश ने भारत के पूर्व रक्षामंत्री वीके कृष्ण मेनन पर ‘‘ए चेकर्ड ब्रिलियेंस: द मेनी लाइव्स आफ वी के कृष्ण मेनन’’ नामक किताब लिखी है। ...
भारत रत्न से सम्मानित सरदार पटेल ने 15 दिसंबर 1950 को अंतिम सांस ली। देश की एकता में उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गुजरात में नर्मदा नदी के करीब उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। ...