कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का दावा- नेहरू और पटेल दोनों के करीबियों ने उन्हें कहा था देश का बंटवारा पक्का है
By भाषा | Published: February 15, 2020 12:02 PM2020-02-15T12:02:27+5:302020-02-15T12:02:27+5:30
राज्य सभा सांसद जयराम रमेश ने भारत के पूर्व रक्षामंत्री वीके कृष्ण मेनन पर ‘‘ए चेकर्ड ब्रिलियेंस: द मेनी लाइव्स आफ वी के कृष्ण मेनन’’ नामक किताब लिखी है।
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के मुख्य सलाहकार वी के कृष्ण मेनन और वल्लभ भाई पटेल के प्रमुख सहयोगी वीपी मेनन ने दोनों कांग्रेस नेताओं को इस बात की जानकारी दी थी कि देश का विभाजन अवश्यंभावी है । कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी । कांग्रेस नेता रमेश ने कहा कि दोनों मेनन एक दूसरे को पसंद नहीं करते थे लेकिन ब्रिटिश वायसराय को दोनों का साथ मिला।
रमेश ने कहा, ‘‘उस दौरान दो मेनन मौजूद थे । पटेल के मुख्य सलाहकार वी पी मेनन थे और नेहरू के सलाहकार कृष्ण मेनन थे। कृष्ण मेनन, वीपी मेनन को पसंद नहीं करते थे और यह भावना परस्पर थी । माउंटबेटन को दोनों का साथ मिला । दोनों ने माउंटबेटन से मिल कर नेहरू और पटेल क्या सोचते हैं, इस बारे में उन्हें बताया।’’ रमेश ने यहां अपनी पुस्तक ‘‘ए चेकर्ड ब्रिलियेंस: द मेनी लाइव्स आफ वी के कृष्ण मेनन’’ पर चर्चा के दौरान यह बात कही । उन्होंने कहा, ‘‘उस दौरान कृष्ण मेनन ने नेहरू को यह समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की कि देश का बंटवारा अवश्यंभावी है....दोनों मेनन का यह विचार था कि मुस्लिम लीग एवं कांग्रेस एक साथ काम नहीं कर सकते हैं ।’’
राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने इस दौरान 1962 में चीन के हाथों हार के बाद कृष्ण मेनन के इस्तीफे के बारे में एक रोचक प्रसंग सुनाया । रमेश ने कहा, ‘‘कृष्ण मेनन का इस्तीफा नेहरू ने अपने नेहरू जैकेट की जेब में रख लिया । वह कांग्रेस के 400 सांसदों की बैठक में शामिल होने गये । महावीर त्यागी नामक एक सांसद खड़े हुए और नेहरू से कहा : ‘पंडितजी अगर आपने कृष्ण मेनन का इस्तीफा नहीं लिया तो आपको इस्तीफा देना होगा ।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इंदिरा गांधी उस वक्त (तत्कालीन) राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन के पास गयीं और उनसे कहा कि आप मेरे पिता को उनसे बचाइये, उन्हें इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कहिए ।’’
नेहरू और पटेल पर ताजा विवाद-
जवाहरलाल नेहरू और देश के पहले गृहमंत्री वल्लभभाई पटेल के परस्पर सम्बन्धों को लेकर ताजा विवाद तब शुरू हो गया जब एक ताजा किताब में लेखक ने दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू सरदार पटेल को अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं देना चाहते थे।
इस किताब के उद्घाटन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। एस जयशंकर ने जब इस किताब के लोकार्पण कार्यक्रम की ख़बर ट्वीट की तो इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने जयशंकर पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया। जवाब में जयशंकर ने थरूर पर तंज किया कि कुछ विदेश मंत्री किताबें भी पढ़ते हैं, भले ही कुछ प्रोफेसर न पढ़ते हों।