भारत की आजादी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ। पिता का नाम झावेर भाई और माता का नाम लाडबा पटेल था। अटल इरादों और लौह इच्छाशक्ति की वजह से इन्हें देश का बिस्मार्क और लौह पुरूष कहा जाता है। देश के एकीकरण में उनका महान योगदान था। सन 1950 में उनका निधन हो गया। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में उनकी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। Read More
इन दिनों राष्ट्रीय सफलताएं भी दलगत राजनीति का हिस्सा बन गई हैं. हमारे पुरखों ने देश के लिए काम किया था. हम यह कैसा मुल्क बना रहे हैं, जो अपने पूर्वजों को गरियाने का कोई मौका नहीं छोड़ता. ...
कई इतिहासकार सरदार पटेल की तुलना बिस्मार्क से भी कहीं आगे करते हैं. बिस्मार्क ने जर्मनी का एकीकरण ताकत के बल पर किया तो वहीं दूसरी ओर सरदार पटेल ने ये विलक्षण कारनामा दृढ़ इच्छाशक्ति व साहस के बल पर कर दिखाया. ...
सरदार वल्लभभाई पटेल ऐसा नाम है, जिसने गोरी हुकूमत को अपने तेवरों से संकट में डाल रखा था. उनके मजबूत इरादों से बरतानवी सत्ता के आला अफसर घबराते थे. महात्मा गांधी को तो दो साल में ही जेल से छोड़ दिया गया था, मगर सरदार पटेल को उनके एक बरस बाद जून 1945 म ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार यानी 31 अक्टूबर को केवड़िया के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पहुंचकर सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वो राष्ट्रीय एकता के अग्रदूत थेष साथ ही पीएम मोदी ने केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय एकता द ...