आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था और निधन 18 अगस्त 1945 को हुआ था। उन्होंने पहले भारतीय सशस्त्र बल की स्थापना की थी जिसका नाम आजाद हिंद फौज रखा गया था। Read More
1969 में जब इंदिराजी काबुल गईं तो मेरे अनुरोध पर उन्होंने ‘हिंदू गूजर’ नामक मोहल्ले के उस कमरे में जाना स्वीकार किया, जिसमें सुभाष बाबू छद्म वेष में रहा करते थे.. ...
यह समझना जरूरी है कि अपनी स्थानीयता, अपने शहर, अपने पूर्वजों पर गर्व करने वाला समाज ही अपने परिवेश और सरकारी या निजी संपत्ति से जुड़ाव महसूस करता है और उसको सहेजने के प्रति संवेदनशील बनता है। ...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) को भूला दिए जाने के बहुत प्रयास किए लेकिन उनकी देशभक्ति और शहादत भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। ...
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम का जिक्र होते ही जेहन में खाकी वर्दी के साथ आंखों में चश्मा और सिर पर टोपी की तस्वीर बन जाती है। नेताजी को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी मां भारती के एक सच्चे सपूत का दर्जा हासिल है। सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 ...
नयी दिल्ली, 23 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजली दी और कहा कि देश की आजादी के लिए उनके त्याग व समर्पण को हमेशा याद किया जाता रहेगा।मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘महान ...
केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ''पराक्रम दिवस'' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है, बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को मनाई जाएगी. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने जानकारी दी. ...
नमस्कार! आज मंगलवार है। देश और दुनिया की तमाम खबरों के ताजा अपडेट के लिए 19 नवंबर, 2021 के इस Live Blog के साथ आप बने रह सकते हैं। इस लाइव ब्लॉग के जरिए आप कोरोना वायरस महामारी और देश में जारी टीकाकरण से जुड़ी हर जानकारी से भी अपडेट करेंगे।भारत में ...
नवदीप सैनी के दादा करम सिंह सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सेनानी रह चुके हैं। वह क्रिकेट के बारे में भले ही कम जानते हैं, लेकिन पोते को खेलता देख उनकी आंखें भर आती हैं... ...