सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है, जो 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। यह कानून भारत के सभी नागरिकों को सरकारी फाइलों/रिकॉडर्स में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार देता है। जम्मू एवं कश्मीर को छोड़ कर भारत के सभी भागों में यह अधिनियम लागू है। सरकार के संचालन और अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन के मद में खर्च होने वाली रकम का प्रबंध भी हमारे-आपके द्वारा दिए गए करों से ही किया जाता है। यहां तक कि एक रिक्शा चलाने वाला भी जब बाज़ार से कुछ खरीदता है तो वह बिक्री कर, उत्पाद शुल्क इत्यादि के रूप में टैक्स देता है। इसलिए हम सभी को यह जानने का अधिकार है कि उस धन को किस प्रकार खर्च किया जा रहा है। यह हमारे मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा है। Read More
सोनिया ने सरकार को याद दिलाया कि सूचना का अधिकार कानून बनाते समय व्यापक विचार-विमर्श किया गया था और संसद की पूर्ण सहमति सभी पक्षों की ओर से इस कानून के साथ थी जो अब खत्म होने के कगार पर जा पहुंचा है. ...
सोनिया ने एक बयान में कहा, ''यह बहुत चिंता का विषय है कि केंद्र सरकार ऐतिहासिक सूचना का अधिकार कानून-2005 को पूरी तरह से खत्म करने पर उतारू है।'' उन्होंने कहा, ''इस कानून को व्यापक विचार-विमर्श के बाद बनाया है और संसद ने इसे सर्वसम्मति से पारित किया। ...
सिंह ने कहा कि आरटीआई अधिनियम में पहले ही केंद्र को नियम बनाने का अधिकार दिया गया है, आज भी वही व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि आरटीआई के लंबित मामलों में कमी आई है । 2014 में लंबित मामले 37,323 थे जो 2015-16 में 34,982 हो गये, 2016-17 में 26,559 रहे तथ ...
मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने दो अलग-अलग अर्जियों पर सूचना के अधिकार के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से मिले आंकड़े साझा किये। यह जानकारी चुनावी बॉन्डों की बिक्री और इन्हें भुनाये जाने के शुरूआती 10 चरणों पर आधारित है ...
रिपोर्ट के मुतबिक टॉप 30 एनपीए कर्ज लेने वालों के पास 2.86 लाख करोड़ रुपये हैं। हालांकि, रिज़र्व बैंक ने यह जानकारी देने से इनकार किया है कि कर्ज लेने वाले ये टॉप 100 लोग कौन हैं। ...
मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और पूर्वोतर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने भी अपने बंगलों के बकाया का भुगतान नहीं किया है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह बकाया बंगल ...
गलगली की तरफ से दायर आरटीआई में खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने विदेश दौरे पर 263 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि घरेलू दौरे में 48 करोड़ रुपये खर्च हुए। ...