सूचना आयोग की सीबीआई को फटकार, कहा- भ्रष्टाचार या मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी है जांच तो देनी होगी जानकारी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 2, 2019 06:02 PM2019-05-02T18:02:25+5:302019-05-02T18:03:52+5:30
सूचना आयोग ने सीबीआई को आरटीआई की धारा 24 (1) की गलत व्याख्या न करने की भी हिदायत दी है।
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को उन मामलों के जानकारी देने का निर्देश दिया है जिनकी उसने जांच की थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सीआईसी ने आरटीआई एक्ट की धारा 24 के तहत सीबीआई के लिए जानकारी न देने की छूट को खारिज करते हुए कहा कि एजेंसी को अपीलकर्ता को 15 दिन के भीतर जानकारी देनी होगी।
सूचना आयुक्त दिव्य प्रकाश सिन्हा का ये आदेश एन पाराशर द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन पर आया है। पारशर ने स्वास्थ्य विभाग की कुष्ठ निवारण इकाई में कर्मचारियों की अनियमित नियुक्ति पर की गई सीबीआई जांच की जानकारी मांगी थी।
पटना हाईकोर्ट के इशारे पर हुई इस जांच से संबंधित रिपोर्ट को सीबीआई ने आरटीआई एक्ट की धारा की 24 के तहत छूट का हवाला देते हुए देने से मना कर दिया था। ये धारा कई खुफिया और सुरक्षा संगठनों को जानकारी का खुलासा नहीं करने की अनुमति देती है, बशर्ते कि जानकारी भ्रष्टाचार के आरोप या मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित न हो।
सीबीआई के इस तर्क को खारिज करते हुए सूचना आयुक्त सिन्हा ने कहा कि आयोग ने पाया कि प्रथम दृष्टया ये मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है इसलिए यहां आरटीआई अधिनियम की धारा 24 (1) लागू होती है।
सिन्हा ने छूट के लिए सीबीआई के उस तर्क पर को भी आड़े हाथों लिया जिसमें सीबीआई ने कहा था कि 24 (1) की धारा तब लागू होती है जब उसके अपने विभाग के अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार या मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जानकारी मांगी गई ह न कि उन मामलों में जिनकी जांच सीबीआई कर रही है।
सिन्हा ने कहा कि आरटीआई की धारा में किसी भी तरह का अपवाद नहीं है। जानकारी अगर भ्रष्टाचार या मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित है तो उसे देनी पड़ेगी चाहे वो उस विभाग से संबंधित हो या विभाग द्वारा की जा रही जांच से।
सीआईसी ने हिदायत देते हुए कहा कि सीबीआई के प्रतिनिधि की ओर से आरटीआई एक्ट की धारा 24 (1) की गलत व्याख्या से भविष्य में उत्तरदाता कार्यालय की ओर से आरटीआई एक्ट के प्रावधानों का घोर उल्लंघन हो सकता है।