सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है, जो 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। यह कानून भारत के सभी नागरिकों को सरकारी फाइलों/रिकॉडर्स में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार देता है। जम्मू एवं कश्मीर को छोड़ कर भारत के सभी भागों में यह अधिनियम लागू है। सरकार के संचालन और अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन के मद में खर्च होने वाली रकम का प्रबंध भी हमारे-आपके द्वारा दिए गए करों से ही किया जाता है। यहां तक कि एक रिक्शा चलाने वाला भी जब बाज़ार से कुछ खरीदता है तो वह बिक्री कर, उत्पाद शुल्क इत्यादि के रूप में टैक्स देता है। इसलिए हम सभी को यह जानने का अधिकार है कि उस धन को किस प्रकार खर्च किया जा रहा है। यह हमारे मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा है। Read More
वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (सीएफसीएफआरएमएस) के अनुसार, 2024 में पूरे देश में साइबर धोखाधड़ी के कारण नागरिकों को होने वाले नुकसान की कुल राशि 22,845.73 करोड़ रुपये थी जो इससे पहले के वर्ष में 7,465.18 करोड़ रुपये थी। ...
Heeralal Samariya: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया को सोमवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के प्रमुख के रूप में शपथ दिलाई। ...
बता दें 2015 में भी एक ऐसा ही आरटीआई फाइल कर यह सवाल पूछा गया था कि पीएम मोदी पीएम मोदी ने अब तक कितनी छुट्टी ली है। इसके जवाब पीएमओ ने यह कहा था कि उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली है। ...
इंदौर के एक शख्स ने भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर जानकारी के लिए आरटीआई दायर किया तो उसे 48 हजार पन्नों में जवाब मिला। शख्स को जवाबों के इन दस्तावेजों को अपने एसयूवी से ले जाना पड़ा। ...
Right to Information: जानकारी के लिए आवेदक धर्मेंद्र शुक्ला को प्रति पृष्ठ निर्धारित दो रुपये का भुगतान भी नहीं करना पड़ा, क्योंकि उसके आवेदन का एक महीने के भीतर जवाब नहीं दिया गया था। ...
मुख्य न्यायाधीश मलिमठ ने बताया कि यह पोर्टल आरटीआई में चाही गई जानकारी को उपलब्ध कराने के लिये संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों की जिम्मेदारी को तय कर उन्हें जबाबदेह बनाता है। ...
Indian Railways: मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में रेलवे ने कहा है कि लेवल-1 सहित ग्रुप सी में 2,74,580 पद खाली हैं। ...
रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में ऐसे मामलों में 1 जुलाई 2021 से 30 जून 2022 तक 5805 अफसरों पर जुर्माना लगाया गया। इसके तहत सूचना अधिकारी से 1 दिन के विलंब पर ₹250 जुर्माना किया जाता है। ...