इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना रमजान है जिसे अरबी भाषा में रमादान कहते हैं। नौवें महीने यानी रमजान को 610 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद पर कुरान प्रकट होने के बाद मुसलमानों के लिए पवित्र घोषित किया गया था। रोजे रखना इस्लाम के पांच स्तंभों (कलमा, नमाज, जकात, रोजा और हज ) में से एक है। कुरान सूरा 2 के आयात 183 और 184 मे हर व्यक्ति को इस पाक महीने मे हुजूर की तरह ही सुबह से लेकर शाम सूरज डूबने तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही है। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वालों की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है। Read More
इस संबंध में दिल्ली जलबोर्ड ने मंगलवार को अपना सर्कुलर जारी किया है, जिसमें यह कहा गया है कि रमजान के लिए मुस्लिम कर्मचारिओं को दी जाने वाली शॉर्ट लीव के निर्णय को तत्काल रूप से वापस लिया जाता है। ...
रमजान के पहले दिन न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर नमाज पढ़ी गई। इसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे है। इसके आयोजनकर्ताओं के अनुसार वे इसके जरिए लोगों को अपने धर्म के बारे में बताना चाहते थे, जो इसके बारे में ठीक से नहीं जानते। ...
Ramzan 2022: राष्ट्रपति जोको विदोदो ने पिछले सप्ताह यह कहा था कि कोविड के नियमों में ढ़ील दी जाएगी जिसके कारण इस साल लोगों को रमजान के रोजे और ईद में कोई परेशानी नहीं होगी। ...
Ramadan 2022: रमजान के मुबारक महीने में रोजे रखने की परंपरा है। इस महीने को सबसे पाक महीना माना गया है। 29 या 30 दिन के रोजे के बाद ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है। इस मौके पर लोग अपने दोस्तों, सगे-संबंधियों को मुबारकबाद भी देते हैं। ...
सहरी के बाद रोजेदार पूरा दिन कुछ नहीं खाते और पीते हैं। इसके बाद वो शाम को इफ्तार के समय ही कुछ खाते-पीते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि रोजा रखने वाले लोग दिनभर में तकरीबन 13 से 15 घंटे तक बिना खाए-पिए रहते हैं। जाहिर है कि इस भीषण गर्मी में रोजा रखना कोई ...
Ramadan 2022: रमजान के महीने में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं। रोजा रखने का मतलब सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करना है। आखिर ऐसा क्यों करते हैं लोग, जानिए इस पाक माह-ए-रमजान की कहानी... ...