न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में पहली बार सड़क पर पढ़ी गई नमाज, सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई वीडियो
By विनीत कुमार | Published: April 5, 2022 08:47 AM2022-04-05T08:47:38+5:302022-04-05T09:01:01+5:30
रमजान के पहले दिन न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर नमाज पढ़ी गई। इसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे है। इसके आयोजनकर्ताओं के अनुसार वे इसके जरिए लोगों को अपने धर्म के बारे में बताना चाहते थे, जो इसके बारे में ठीक से नहीं जानते।
न्यूयॉर्क: अमेरिका के न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वॉयर (Namaz at Times Square) पर रमजान के पहले दिन हजारों मुस्लिमों ने नमाज अदा की। टाइम्स स्क्वायर न्यूयॉर्क शहर के मिडटाउन मैनहैटन में एक प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र और पर्यटन स्थल है। यह अमेरिका में बड़े 'पर्यटक आकर्षणों' में से एक है। अनुमान के अनुसार यहां सालाना लगभग 5 करोड़ लोग घूमने आते हैं।
वेबसाइट सीबीएसन्यूज डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार तरावीह (Tarawih) की नमाज के बाद शनिवार रात करीब 1500 खाने के डब्बे बांटे गए। टाइम्स स्क्वॉयर पर इसका आयोजन करने वाले ऑर्गनाइजर्स ने कहा कि ऐसा करके वे उन सभी लोगों को अपने धर्म के बारे में बताना चाहते थे, जो इसके बारे में नहीं जानते। एक आयोजनकर्ता ने कहा कि इस्लाम शांति का संदेश देने वाला धर्म है।
This is powerful. Muslims in NYC pray in the heart of Times Square on the 1st night of #Ramadan. pic.twitter.com/pUcCkLldMc
— Khaled Beydoun (@KhaledBeydoun) April 3, 2022
ऑर्गनाइजर्स में से एक शख्स ने कहा, 'इस्लाम के बारे में बहुत सारी गलतफहमियां हैं। सभी संस्कृतियों, सभी धर्मों में कुछ मूर्ख लोग हैं और ऐसे लोगों का छोटा समूह बहुमत का प्रतिनिधित्व नहीं करता... हमें नमाज, रोज रखने करने, अच्छे काम करने, दान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।'
टाइम्स स्क्वॉयर पर नमाज को लेकर बहस भी
टाइम्स स्क्वॉयर पर पहली बार नमाज पढ़े जाने को लेकर बहस भी हो रही है। 'मिडिल ईस्ट आई' वेबसाइट के मुताबिक मुस्लिम समाज के ही कई लोगों ने इस आयोजन पर नाराजगी जताई है। कुछ लोगों का मानना है कि टाइम्स स्क्वॉयर जैसी जगह पर जहां तेज संगीत बजता रहता है और अर्धनग्न तस्वीरों वाले बिलबोर्ड्स लगे रहते हैं, वहां ऐसा आयोजन ठीक नहीं है।
न्यूयॉर्क के एक अन्य निवासी सामी रिजवान ने कहा कि जिस पैसे का उपयोग इस आयोजन के लिए हुआ, उसका इस्तेमाल शहर के बेघर या अन्य गरीबों को खिलाने के लिए किया जा सकता था। वहीं, कुछ लोगों ने ये भी कहा कि धार्मिक कार्यों के लिए सड़कों को बाधित करने की जरूरत नहीं है।