Ramdan 2022: इस्लाम में ऐसे शुरू हुई थी रोजा रखने की परंपरा, जानें किसे है रोजा रखने की छूट

By रुस्तम राणा | Published: April 2, 2022 04:21 PM2022-04-02T16:21:07+5:302022-04-02T16:21:07+5:30

इस पूरे महीने मुसलमान सहरी के बाद से और इफ्तार के समय तक अन्न जल ग्रहण नहीं करते हैं। इस दौरान वे अपने तन मन को पाक रखते हैं। 

Ramdan 2022 history of the Ramdan and its rule | Ramdan 2022: इस्लाम में ऐसे शुरू हुई थी रोजा रखने की परंपरा, जानें किसे है रोजा रखने की छूट

Ramdan 2022: इस्लाम में ऐसे शुरू हुई थी रोजा रखने की परंपरा, जानें किसे है रोजा रखने की छूट

इस्लाम मजहब में रमजान के पाक महीने में रोजा रखने की रवायत है। रोजा रखना मुसलमान के लिए फर्ज है। हालांकि विशेष परिस्थिति में रोजा रखने की छूट भी होती है। इस पूरे महीने इस्लाम मजहब को मानने वाले लोग अल्लाह की इबाबदत करते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान का महीना 9वां महीना होता है। इस पूरे महीने मुसलमान सहरी के बाद से और इफ्तार के समय तक अन्न जल ग्रहण नहीं करते हैं। इस दौरान वे अपने तन मन को पाक रखते हैं। 

रमजान का पाक महीना

रमजान का पाक महीना रोजे के लिए खास माना जाता है। दरअसल, रमजान अरबी भाषा का शब्द है, जिसे सौम कहा जाता है। सौम का मतलब रुकना या ठहरना माना जाता है। यानी खुद पर काबू करना करना। फारसी में उपवास को ही रोजा कहा जाता है। रमजान महीने की शुरूआत चांद के दीदार से होती है। ऐसे में भारत में चांद का दीदार 2 अप्रैल को होने की संभावना है और पहला रोजा 3 अप्रैल, रविवार को रखा जाएगा। 

ऐसे शुरू हुई रोजा रखने की परंपरा

इस्लाम में रोजा रखने की परंपरा दूसरी हिजरी में शुरू हुई थी। कुरान की दूसरी आयत सूरह अल बकरा में जिक्र आता है कि रोजा तुम पर उसी तरह फर्ज किया जाता है जैसे तुमसे पहले की उम्मत पर फर्ज था। मुहम्मद साहब के मक्के से हिजरत कर मदीना पहुंचने के एक साल बाद मुसलमानों को रोजा रखने का हुक्म आया, जिसके बाद से आज तक उस परंपरा को निभाया जाता है। 

किसे है रोजा रखने की छूट? 

यूं तो हर मुसलमान के लिए रोजा रखना फर्ज है। लेकिन कुछ परिस्थितिवश लोगों रोजा रखने की छूट दी गई है। बच्चे पूरे दिन भूखे नहीं रह सकते हैं इसलिए उन्हें छूट दी गई है। बीमार लोगों को भी रोजा रखने की छूट होती है और जो यात्रा कर रहे हैं उन्हें भी रोजा रखने की छूट होती है। इसके अलावा प्रग्नेंट महिलाओं को भी रोजा रखने की छूट दी जाती है। महिलाओं को पीरियड्स के दौरान भी रोजा रखने की छूट होती है, लेकिन बाद उन्हें वो रोजा पूरे करने होते हैं। 

रमजान के पाक महीने का महत्व

इस्लाम में रमजान के पाक महीने का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इस महीने अल्लाह रोजेदारों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देता है और दोजख के दरवाजे बंद कर देता है। शैतान को कैद कर लिया जाता है। इसी महीने अल्लाह ने कुरान नाजिल की थी, जिसमें जिंदगी जीने के अल्लाह ने तरीके बताए हैं। नफ्ल काम करने पर अल्लाह फर्ज अदा करने का सवाब और फर्ज अदा करने पर सत्तर फर्जों का सवाब देता है। 

Web Title: Ramdan 2022 history of the Ramdan and its rule

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