प्रकाश झा एक भारतीय हिन्दी फिल्मकार है। वह हिंदी सिनेमा में सामाजिक मुद्दे पर फ़िल्में बनाने के लिए जाने जातें हैं। उनका जन्म 27 फरवरी 1952 को चंपारण बिहार में हुआ था। साल 1984 में फिल्म हिप हिप हुर्रे से हिंदी सिनेमा में अपना निर्देशन डेब्यू किया। इस फिल्म की पृष्ठभूमि डिहार के बंधुआ मजदूर पर आधारित थी। प्रकाश की पहली ही फिल्म को राष्ट्रिय सम्मान से नवाजा गया। उसके बाद उन्होंने और भी अवार्ड विनिंग डॉक्यूमेंट्रीज का निर्देशन किया। प्रकाश झा ने करियर की शुरुआत डॉक्यूमेंट्री अंडर द ब्लू से की। उसके बाद उन्होंने आठ वर्षो के लम्बे अंतराल में कई डॉक्युमेंट्रीज का निर्माण किया। इस दौरान उन्होंने बिहार के दंगों के उपर एक शार्ट फिल्म बनाई, जिसे रिलीज होने के कुछ दिन बाद ही बैन कर दिया गया, लेकिन प्रकाश को उस शार्ट फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। प्रकाश झा ने दामुल, मृत्युदंड, बंदिश, गंगाजल, राजनीति, जय गंगाजल, सत्याग्रह, चक्रव्यूह, अपहरण, आरक्षण, परीक्षा, लिपस्टिक अंडर माय बुर्का, जैसी चर्चित फिल्मों का निर्देशन-निर्माण कर चुके हैं। Read More
यह फिल्म मध्य प्रदेश में बछड़ा जनजाति के वास्तविक इतिहास से प्रेरित है और दिखाती है कि कैसे महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में देह व्यापार के दुष्चक्र में डाल दिया जाता है। ...
प्रकाश झा ने गुटखा (तंबाकू) बेचने वाले टॉप एक्टर्स के बारे में बात की और कहा कि जब वे कंटेंट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए समय निकालते हैं, तो वे 'स्वचालित रूप से' उनके पास आ जाएंगे। ...
आश्रम सीरीज ने अध्ययन सुमन के करियर को उड़ान दी है। अभिनेता ने कहा कि अब उन लोगों के भी फोन आने लगे हैं जिन्होंने काम मांगने के दौरान मेरा कॉल तक नहीं उठाया। ...