जस्टिस एन वेंकट रमण का जन्म आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के पुन्नावरम गांव में 27 अगस्त 1957 में हुआ था। वे भारत के 48वें चीफ जस्टिस हैं। साल 1983 में उन्होंने वकालत के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। एन वेंकट रमण दिल्ली हाई कोर्ट के भी मुख्य न्यायाधिश रह चुके हैं। Read More
सुप्रीम कोर्ट द्वारा देशद्रोह कानून पर रोक लगाये जाने संबंधी आदेश के बाद कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 'लक्ष्मण रेखा' एक ऐसी रेखा होती है, जिसे किसी के द्वारा भी पार नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार चाहती है कि सभी को न्यायपालिका के साथ-साथ व ...
सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 5 मई को कहा था कि वह 10 मई को इसपर सुनवाई करेगी कि क्या राजद्रोह से संबंधित औपनिवेशिक युग के दंडात्मक कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बड़ी पीठ के पास भेजा जा सकता है। ...
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की सिफारिश के दो दिन बाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शनिवार को अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी करके उनकी नियुक्तियों की घोषणा की। ...
शीर्ष अदालत ने अब मामले की सुनवाई के लिए 10 मई की तारीख निर्धारित की है जिसमें यह देखा जाएगा कि क्या भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर एक बड़ी पीठ द्वारा सुनवाई की जानी चाहिए। ...
सीजेआई एनवी रमना ने राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना प्राधिकरण के गठन और बेंच पर कमी के मुद्दे को हल करने के लिए अस्थायी तौर पर हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जजों को नियुक्त करने की योजना का प्रस्ताव रखा था। ...
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने आगे कहा कि अदालत के फैसले सरकार द्वारा सालों तक लागू नहीं किए जाते हैं। न्यायिक फैसलों के बावजूद जानबूझकर निष्क्रियता रहती है जो देश के लिए अच्छा नहीं है। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन को विज्ञान भवन में संबोधित किया। इस दौरान कई राजों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे। यही नहीं, सम्मेलन में पीएम मोदी और प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण के साथ क ...