निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और वर्तमान में भारत की रक्षामंत्री हैं। 2017 में रक्षामंत्री का पदभार संभालने से पहले उनके पास वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था। इसके अलावा वो वित्त एवं कारपोरेट मामलों की राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं। निर्मला सीतारमण के विषय में कहा जाता है कि वो भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री हैं। निर्मला का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था। उन्होंने मद्रास के तिरुचिरापल्ली से शुरुआती पढ़ाई की और उसके बाद सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बीए की पढ़ाई की। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमए की पढ़ाई की है। वो चंद्रबाबू नायडू की कम्यूनिकेशन एडवाइजर भी रह चुकी हैं और बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली। Read More
कोरोना वायरस के मद्देनजर लगे लॉकडाउन में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। जिस पर लगातार चार दिनों तक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तृत जानक ...
नए आर्थिक पैकेज के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद बनाने का रणनीतिक कदम आगे बढ़ाया गया है. कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्नों पर 1.63 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान किए गए हैं. सरकार ने आर्थिक पैकेज में खेती-किसानी पर जोर देकर किस ...
सीतारमण ने कहा कि उद्योग को सभी स्तरों के कर्मचारियों को कुशल बनाने के लिए काम करना होगा। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) क्षेत्र पर एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 संकट सामने आने से पहले ही एमएसएमई और गैर-बैंकिंग वित्ती ...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि व्यवसायों को शुरू करने के लिए प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण था। लॉकडाउन शुरू होने के बाद सरकार ने लोगों तक नकद धन ट्रांसफर करवाया था। ...
रेटिंग एजेंसी फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज सही नहीं है। यह पैकेज सक्षम नहीं है। एजेंसी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बदहाल है। सही रास्ते पर नहीं जा रहा है। ...
देश में जारी लॉकडाउन के बीच ईंधन की मांग बढ़ गई है। अप्रैल के माह में रिकॉर्ड गिरावट देखी गई थी। हालांकि कुछ लॉकडाउन में राहत मिलने के बाद पेट्रोल, डीजल की मांग में सुधार देखी जा रही है। ...
चिदंबरम ने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि प्रोत्साहन पैकेज में 13 करोड़ गरीब परिवारों, प्रवासी मज़दूरों ,किसानों ,भूमिहीन कृषि कामगारों ,असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों जैसे तमाम वर्गों को छोड़ दिया गया है ,नतीजा इस घोषित पैकेज का कोई मतलब नहीं रह जाता। ...