केंद्र सरकार के राहत पैकेज पर RBI निदेशक ने उठाए सवाल, बताया- क्या है कमी
By सुमित राय | Published: May 21, 2020 07:59 PM2020-05-21T19:59:44+5:302020-05-21T19:59:44+5:30
आरबीआई के एक निदेशक सतीश काशीनाथ मराठे ने कोरोना माहमारी से निपटने के लिए मोदी सरकार के राहत पैकेज पर सवाल खड़े किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को कोरोना संकट से जूझ रहे अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था, जिसके बाद वित्त मत्री ने निर्मला सीतारमण ने पांच दिनों तक राहत उपायों की घोषणा की थी। अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक डायरेक्टर सतीश काशीनाथ मराठे ने सरकार के इस राहत पैकेज पर सवाल उठाए हैं।
सतीश मराठे ने ट्वीट कर कहा, "राहत पैकेज अच्छी और प्रगतिशील सोच वाला है, लेकिन यह अर्थव्यवस्था को उबारने में अग्रिम योद्धाओं के रूप में बैंकों को शामिल करने के मामले में विफल रहा है। तीन महीने का मोरेटोरियम पर्याप्त नहीं है। एनपीए, प्रोविजनिंग में नरमी आदि राहत पैकेज का हिस्सा होना चाहिए था ताकि भारत को एक बार फिर तरक्की के रास्ते पर ले जाया सके।"
एक दूसरे ट्वीट में सतीश मराठे ने कहा कि सरकार के राहत पैकेज से मांग बढ़ने की उम्मीद कम है, क्योंकि इसमें सप्लाई साइड पर जोर है।
पीएम मोदी ने किया था 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को कोरोना संकट से जूझ रहे अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प जताते हुए पैकेज की घोषणा की थी।
इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच दिनों तक किसानों, प्रवासी मजदूरों, नौकरीपेशा वर्ग, MSMEs और NBFCs के लिए कई तरह के राहत उपायों की घोषणा की। इसके अलावा कोयला, खनिज उत्खनन, विमानन सहित आठ क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा देने की बात सरकार की ओर से कही गई।