‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ पैकेजः रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा- ‘कोविड-19’ राहत पैकेज दिखने में बड़ा, असल में नहीं, अर्थव्यवस्था संकट में

By भाषा | Published: May 19, 2020 03:52 PM2020-05-19T15:52:23+5:302020-05-19T15:52:23+5:30

रेटिंग एजेंसी फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज सही नहीं है। यह पैकेज सक्षम नहीं है। एजेंसी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बदहाल है। सही रास्ते पर नहीं जा रहा है।

Centre’s economic package Rating agency Fitch said relief package is bigger appearance, not in reality, economy crisis | ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ पैकेजः रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा- ‘कोविड-19’ राहत पैकेज दिखने में बड़ा, असल में नहीं, अर्थव्यवस्था संकट में

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच किस्तों इस पैकेज की विस्तृत घोषणाएं की। (file photo)

Highlightsवास्तविक राजकोषीय प्रोत्साहन जीडीपी का सिर्फ एक प्रतिशत है, जबकि दावा किया गया है कि ये जीडीपी का 10 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ पैकेज की घोषणा की थी।

नई दिल्लीः रेटिंग एजेंसी फिच सॉल्यूशंस ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 संकट से उबरने के लिए सरकार द्वारा घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज तात्कालिक चिंताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं है, क्योंकि इसके तहत दिया गया वास्तविक राजकोषीय प्रोत्साहन जीडीपी का सिर्फ एक प्रतिशत है, जबकि दावा किया गया है कि ये जीडीपी का 10 प्रतिशत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ पैकेज की घोषणा की थी, जो जीडीपी के करीब 10 प्रतिशत के बराबर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच किस्तों इस पैकेज की विस्तृत घोषणाएं की। फिच सॉल्युशंस ने अपने नोट में कहा, ‘‘पैकेज की करीब आधी राशि राजकोषीय कदमों से जुड़ी है, जिसकी घोषणा पहले की जा चुकी थी। साथ ही इसमें रिजर्व बैंक की मौद्रिक राहत वाली घोषणाओं के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले अनुमान को भी जोड़ लिया गया।’’

रेटिंग एजेंसी फिच के मुताबिक यह केंद्र सरकार की कोविड-19 संकट के बीच राजकोषीय विस्तार की अनिच्छा को दिखाता है। जबकि देश की आर्थिक वृद्धि दर 2020-21 में 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। फिच ने कहा, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था का संकट बढ़ रहा है, क्योंकि एक तरफ कोविड-19 का संक्रमण बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ घरेलू और वैश्विक दोनों मांग भी कमजोर है।

हमारा मानना है कि सरकार के प्रोत्साहन में जितनी देरी होगी अर्थव्यवस्था के नीचे जाने का खतरा उतना बढ़ता जाएगा। अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार को और अधिक खर्च करने की जरूरत है, हालांकि इस वजह से राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है।’’

नोट के मुताबिक 13 से 17 मई के बीच की गयी घोषणाओं में सरकार ने ऋण गारंटी, ऋण चुकाने की अवधि में विस्तार इत्यादि के साथ नियामकीय सुधार किए हैं। हालांकि, पैकेज के तहत किया जाने वाला नया व्यय जीडीपी का मात्र एक प्रतिशत है।

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक यह पैकेज अर्थव्यवस्था की तात्कालिक चुनौतियां से निपटने में सक्षम नहीं है। इसलिए हम वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार और देश के संयुक्त स्तर पर घाटे का अनुमान बढ़ाकर क्रमश: सात प्रतिशत और 11 प्रतिशत कर रहे हैं। पहले यह अनुमान क्रमश: 6.2 प्रतिशत और नौ प्रतिशत था।

बिजली बिलों में राहत की मांग को लेकर ई-धरना देंगे 10,000 उद्यमी

कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर लागू लॉकडाउन ने विरोध प्रदर्शन का तरीका भी बदल दिया है। लॉकडाउन अवधि में बिजली बिलों में राहत की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के करीब 10,000 उद्यमी बृहस्पतिवार को ई-धरना देने की तैयारी कर रहे हैं।

एमएसएमई क्षेत्र के इंदौर स्थित संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश (एआईएमपी) ने इस ई-धरने का आह्वान किया है। एआईएमपी के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया, "लॉकडाउन के कारण प्रदेश में करीब दो महीने से अधिकांश कल-कारखाने बंद हैं और औद्योगिक विद्युत उपभोग न के बराबर है। इसके बावजूद सूबे की विद्युत वितरण कम्पनियां तानाशाही रवैया दिखाते हुए हमें निर्धारित शुल्क (फिक्स्ड चार्ज) और अन्य अनुचित शुल्कों के आधार पर मोटी रकम के बिजली बिल भेज रही हैं।"

उन्होंने कहा, "कोविड-19 के संकट से लड़ते-लड़ते उद्योग जगत का सब्र भी जवाब देने लगा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चाहिये कि वह अन्य राज्य सरकारों की तर्ज पर मध्यप्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को लॉकडाउन अवधि के दौरान बिजली बिलों में राहत दिलवायें।" डफरिया ने कहा, "हमारी मांग है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान बिजली की वास्तविक खपत के आधार पर औद्योगिक इकाइयों के बिल तैयार किये जायें और अनुचित शुल्क समाप्त किये जायें।"

एआईएमपी के संचालक मंडल के सदस्य अमित धाकड़ ने बताया कि ई-धरना बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे से शुरू होकर करीब डेढ़ घंटे चलेगा। इसमें प्रदेश भर के करीब 10,000 उद्यमी फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये अपने घरों से शामिल होंगे। धाकड़ ने बताया कि एक वीडियो कॉन्फ्रेंस ऐप के जरिये होने वाले संवाद में प्रदेश सरकार के एक आला अधिकारी को उद्यमियों की मांगों को लेकर ऑनलाइन ज्ञापन भी दिया जायेगा।

Web Title: Centre’s economic package Rating agency Fitch said relief package is bigger appearance, not in reality, economy crisis

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