जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: नए आर्थिक पैकेज में प्रोत्साहन से ज्यादा सुधारों पर जोर

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 21, 2020 02:39 PM2020-05-21T14:39:06+5:302020-05-21T14:39:06+5:30

नए आर्थिक पैकेज के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद बनाने का रणनीतिक कदम आगे बढ़ाया गया है. कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्नों पर 1.63 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान किए गए हैं. सरकार ने आर्थिक पैकेज में खेती-किसानी पर जोर देकर किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने की कवायद की है.

special analysis report on economic package 20 lakh crore | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: नए आर्थिक पैकेज में प्रोत्साहन से ज्यादा सुधारों पर जोर

Narendra Modi And Nirmala Sitharaman (File Photo)

पिछले दिनों वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण ने पांच किस्तों में प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रु पए से करीब एक लाख करोड़ रु पए ज्यादा यानी 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपए के पांच आर्थिक पैकेज प्रस्तुत किए हैं. इससे केंद्र के राजकोष पर करीब 2.28 लाख करोड़ रु पए का ही बोझ पड़ेगा. यह आत्मनिर्भर भारत के तहत पैकेज के आकार का महज 10.8 प्रतिशत ही है. नए पैकेज में ज्यादातर घोषणाएं नए व्यय के रूप में न होकर गारंटी या नकदीकृत करने के उपाय और सुधारों के रूप में हैं.

नए आर्थिक पैकेज में चार बातें उभरकर दिखाई दे रही हैं. एक, खेती-किसानी को बेहतर बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भरता की बुनियाद बनाने का लक्ष्य रखा गया है. दो, देश में रोजगार के केंद्रबिंदु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को बड़ा सहारा दिया गया है. तीन, गरीब, किसान, श्रमिक और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत दी गई है. चार, बड़े उद्योगों के लिए आर्थिक सुधार किए गए हैं. रक्षा क्षेत्न में बड़े बदलाव किए गए हैं और गैर रणनीतिक सार्वजनिक उपक्र मों को निजी क्षेत्न के लिए खोला गया है.

उल्लेखनीय है कि नए आर्थिक पैकेज के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद बनाने का रणनीतिक कदम आगे बढ़ाया गया है. कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्नों पर 1.63 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान किए गए हैं. सरकार ने आर्थिक पैकेज में खेती-किसानी पर जोर देकर किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने की कवायद की है.

नि:संदेह शीत भंडार गृहों और यार्ड जैसे बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपए का कोष अत्यधिक महत्वपूर्ण कदम है. निश्चित रूप से पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड से भारत की मौजूदा डेयरी क्षमता तेजी से बढ़ेगी. साथ ही इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 30 लाख लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा. इसी तरह किसानों को कृषि उत्पाद मंडी समिति के माध्यम से उत्पादों को बेचने की अनिवार्यता खत्म होने और कृषि उपज के बाधा रहित कारोबार से बेहतर दाम पाने का मौका मिलेगा. इतना ही नहीं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था से संबद्ध विभिन्न वर्गो को सरल ऋण देने हेतु 2.30 लाख करोड़ रु. के प्रावधान से ढाई करोड़ से अधिक किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है.

देश के कोने-कोने में ढहते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को बचाने के लिए नए आर्थिक पैकेज में कुल 3 लाख 70 हजार करोड़ रु. के अभूतपूर्व राहतकारी प्रावधान घोषित किए गए हैं, जिनमें से इस क्षेत्न की इकाइयों को 3 लाख करोड़ रु. का गारंटी मुक्त कर्ज दिया जाना सबसे प्रमुख प्रावधान है. निश्चित रूप से एमएसएमई के लिए घोषित राहत पैकेज देश के करीब 6.30 करोड़ एमएसएमई उद्यमियों को उनका कारोबार कई गुना तक बढ़ाने में मदद कर सकता है.

नि:संदेह लॉकडाउन के कारण गरीबों, श्रमिकों, किसानों और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों की मुश्किलों में इजाफा होता गया है. ऐसे में इन वर्गो को कोविड-19 की चुनौतियों से बचाने के लिए 3.16 लाख करोड़ रुपए की विभिन्न राहतों की घोषणा की गई है. इसके तहत राशन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने 3,500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए 40,000 करोड़ रुपए बढ़ाने की घोषणा की गई है. इससे गांव लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. करीब 300 करोड़ मानव दिवस सृजित करने में मदद मिलेगी.

चूंकि लॉकडाउन और ठप हुए उद्योग-कारोबार ने निम्न मध्यम वर्ग के कई नौकरीपेशा लोगों और उद्योग-कारोबार से जुड़े कई लोगों की मुस्कराहट छीनी है, ऐसे में नए पैकेज के तहत मिडिल इनकम ग्रुप जिनकी सालाना आय 6 लाख से 18 लाख तक है, उनके लिए अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम मार्च 2021 तक बढ़ाई गई है. इससे आवास क्षेत्न में करीब 70,000 करोड़ रुपए का निवेश आएगा. अब सरकारी स्वामित्व वाली इकाइयां केवल रणनीतिक क्षेत्नों में होंगी. इसके अलावा अन्य क्षेत्नों की कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा. रक्षा क्षेत्न के तहत सार्वजनिक क्षेत्न केवल सामरिक क्षेत्नों में सीमित रह जाएगा और वहां भी निजी क्षेत्न को प्रवेश की अनुमति होगी.

Web Title: special analysis report on economic package 20 lakh crore

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