2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचन्द गांधी को दुनिया महात्मा गांधी के नाम से जानती है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। वे सत्य और अहिंसावादी थे। उन्होंने 200 सालों की अंग्रेजी हुकुमत को अहिंसावादी अंदोलनों से उखाड़ फेंका। इसमें स्वदेशी अंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलन हैं। आजादी के वक्त वह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के खिलाफ थे। आजादी के बाद 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। Read More
देश और दुनिया के इतिहास में 2 मई का दिन है बहुत महत्वपूर्ण, हिटलर ने लगाया था मजदूर संघों पर प्रतिबंध। नीदरलैंड ने सोवियत संघ को मान्यता देने से इनकार कर दिया। ...
बाबासाहेब ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में हिन्दू धर्म को त्याग कर बौद्ध धर्म अपनाया था. उन्होंने हिन्दू धर्म का त्याग इसलिए नहीं किया था कि उन्हें भौतिक सुख की प्राप्ति नहीं हो रही थी. ...
सौ साल पहले उठाया गया रौलेट एक्ट वाला कदम हर दृष्टि से गलत था. गांधीजी के नेतृत्व में उस काले कानून का विरोध करके हमने एक गलत को सही करने की मांग की थी. आज भी हमारी चुनी हुई सरकार यदि कुछ गलत करती है, हमारा नेतृत्व कुछ गलत करता है तो उसका प्रतिरोध जर ...
सेवाग्राम आश्रम भारत में गाँधीजी द्वारा स्थापित दूसरा महत्वपूर्ण आश्रम है। इससे पूर्व गाँधीजी ने गुजरात में साबरमती आश्रम की स्थापना की थी। ये आश्रम गाँधीजी के रचनात्मक कार्यक्रमों एवं उनके राजनीतिक आंदोलन आदि के संचालन का केंद्र हुआ करते थे। ...
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछली सदी में अपनी शख्सियत, अपने जीवन एवं मूल्यों के जरिए महात्मा गांधी ने हमें दिखाया कि भविष्य क्या होगा। वह कहा करते थे कि मेरा जीवन मेरी सीख है।’’ मोदी दो दिनों की यात्रा पर बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे। ...
19 फरवरी 1925 को जन्मे सुतार ने महात्मा गांधी की बहुत सी प्रतिमाओं को आकार दिया है। पद्मश्री और पद्मभूषण राम वनजी सुतार ने गांधी की साढ़े तीन सौ से ज्यादा मूर्तियां गढ़ी हैं। ...