अंबेडकर जयंती: बाबासाहेब ने क्यों किया था हिन्दू धर्म का त्याग?

By विकास कुमार | Published: April 14, 2019 11:04 AM2019-04-14T11:04:05+5:302019-04-14T11:04:05+5:30

बाबासाहेब ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में हिन्दू धर्म को त्याग कर बौद्ध धर्म अपनाया था. उन्होंने हिन्दू धर्म का त्याग इसलिए नहीं किया था कि उन्हें भौतिक सुख की प्राप्ति नहीं हो रही थी.

Ambedkar Jayanti: Babasaheb Dr. B.R. Ambedkar's life Rarely Known Facts and History | अंबेडकर जयंती: बाबासाहेब ने क्यों किया था हिन्दू धर्म का त्याग?

अंबेडकर जयंती (image source- scroll)

Highlights1955 में बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू में बाबासाहेब ने कहा कि मैं गांधी को महात्मा नहीं मानता हूँ.लंदन से लौट कर बाबासाहेब ने दलित लोगों की हालत को सुधारने के लिए महार सत्याग्रह किया.

आज संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर की 128 वीं जयंती है. मध्यप्रदेश के महू में जन्मे बाबासाहेब बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. अपने सभी भाई-बहनों में पढ़ाई में सबसे अच्छे थे. महार जाति में जन्में बाबासाहेब को बचपन से जातिवाद का दंश झेलना पड़ा. 

अर्थशास्त्र में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद भीमराव अम्बेडकर लंदन चले गए वहां उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनोमिक्स से डिग्री हासिल की. 

लंदन से लौट कर बाबासाहेब ने दलित लोगों की हालत को सुधारने के लिए महार सत्याग्रह किया. उन्होंने दलितों से आह्वान किया कि आप अपने हक़ के लिए सवर्ण जातियों की तरफ मत देखें बल्कि इसके बजाए खुद अपना रास्ता तैयार करे. उन्होंने दलितों को तीन मंत्र दिए. शिक्षा हासिल करो और स्वावलंबी बनो जिसके बाद सामाजिक आधार का स्तर ऊपर आएगा. 

हिन्दू नहीं मरूँगा 

बाबासाहेब ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में हिन्दू धर्म को त्याग कर बौद्ध धर्म अपनाया था. उन्होंने हिन्दू धर्म का त्याग इसलिए नहीं किया था कि उन्हें भौतिक सुख की प्राप्ति नहीं हो रही थी, बल्कि उनका कहना था कि मैं दलित रहते और छुआछुत का सामना करते हुए भी भौतिक जीवन की सभी उपलब्धियों को हासिल कर सकता हूँ. 

बाबासाहेब ने कहा कि आध्यात्मिक सुख को प्राप्त करने के लिए उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया है. उन्होंने एक बार कहा था कि मैं हिन्दू पैदा जरूर पैदा हुआ हूँ लेकिन हिन्दू मरूँगा नहीं.

बाबासाहेब और महात्मा गांधी के रिश्ते 

बाबासाहेब के महात्मा गांधी से रिश्ते उतार-चढ़ाव वाले थे. उन्होंने 1932 में बापू के साथ मिलकर पूना पैक्ट किया था जिसके बाद महाराष्ट्र में विधान परिषद में दलितों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ा दी गई. 1955 में बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मैं गांधी को महात्मा नहीं मानता हूँ. वहीं दलितों को लेकर भी एक बार उन्होंने कहा था कि गांधी खुद भंगी नहीं है इसलिए उन्हें हमारे दर्द का एहसास नहीं हो सकता. 

बाबासाहेब ने 1951 में पंडित नेहरू के कैबिनेट से हिन्दू कोड बिल को लेकर कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. संविधान निर्माता अम्बेडकर किसी भी कीमत पर हिन्दू धर्म की सामाजिक संरचना में एक क्रांतिकारी बदलाव करना चाहते थे. साम्प्रदायिक राजनीति के मुखर आलोचक थे.

1956 में बाबासाहेब के निधन से देश को अपूर्णीय क्षति हुई. मरणोपरांत 1990 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.

English summary :
Ambedkar Jayanti: Know Babasaheb Dr. B.R. Ambedkar's life Rarely Known Facts and History on Ambedkar Jayanti today. Dr BR Ambedkar, father of the Indian Constitution, was born on 14th April 1891.


Web Title: Ambedkar Jayanti: Babasaheb Dr. B.R. Ambedkar's life Rarely Known Facts and History

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