2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचन्द गांधी को दुनिया महात्मा गांधी के नाम से जानती है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। वे सत्य और अहिंसावादी थे। उन्होंने 200 सालों की अंग्रेजी हुकुमत को अहिंसावादी अंदोलनों से उखाड़ फेंका। इसमें स्वदेशी अंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलन हैं। आजादी के वक्त वह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के खिलाफ थे। आजादी के बाद 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। Read More
बीजिंग के प्रसिद्ध छाओयांग पार्क में 2005 में गांधी की मूर्ति लगाई गई, जिसे जानेमाने मूर्तिकार युआन जिकुन ने बनाया है। मूर्ति के लगने के बाद कम्युनिस्ट देश में गांधी के प्रशंसकों को उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक मौका मिल गया है। तब से बीजिंग में ...
अपने पुत्र मणिलाल और पुत्रवधु सुशीला को लिखे एक पत्र में बापू ने लिखा, ‘‘मैं तुम्हें यह पत्र बर्फ में नहाये हुए पहाडों को देखते हुए हिमालय से लिख रहा हूं। मैंने पूरा दिन यहां बालकनी में बैठ कर गीता के श्लोकों का अनुवाद करते हुए गुजारा।’’ ...
राजनीतिक विश्लेषक संदीप शास्त्री द्वारा लिखी गयी ‘लाल बहादुर शास्त्री: पॉलिटिक्स ऐंड बियोंड’ नामक यह पुस्तक ‘रूपा पब्लिकेशन्स’ ने प्रकाशित की है। प्रधानमंत्री के रूप में महज 19 महीने के कार्यकाल में उन्होंने समाज के सभी वर्गों की बेहतरी के लिए काम कि ...
‘भारतीय व्यापार एवं व्यावसायिक परिषद’ पांच अक्टूबर को दुबई में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन 17 अक्टूबर को गांधी पर एक भाषण देंगे। नौ नवम्बर से 20 दिसम्बर के बीच हर शुक्रवार को भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन किया ...
‘ट्रेड रूस मॉल’ में स्थापित गांधी की प्रतिमा विश्व में एकमात्र ऐसी प्रतिमा है जो किसी शॉपिंग मॉल के अंदर बनी है। इसके अलावा गांधी हॉल में गांधी की आदम कद प्रतिमा और टॉलस्टाय फार्म में भी उनकी आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया है। ...
‘‘कन्याकुमारी के दर्शन’’ शीर्षक इस आलेख में उन्होंने कहा, ‘‘वहां भी मेरी प्रसन्नता पर दुख को कोई प्रभाव नहीं पड़ा। मुझे पूरे मंदिर की परिक्रमा करने की अनुमति दे दी गयी किंतु मुझे मंदिर के भीतरी हिस्से में नहीं जाने दिया गया क्योंकि मैं इंग्लैंड गया थ ...
प्रकाशक पेंगुइन क्लासिक्स ने यह बताया। लेखक त्रिदीप सुह्रद द्वारा संकलित किताब ‘‘पावर ऑफ नॉनवायलेंट रिजिस्टेंस : सेलेक्टेड राइटिंग्स’’ में राष्ट्रपिता के विचारों को उनकी 150वीं जयंती से पहले एक साथ प्रस्तुत किया गया है। ...
150th Mahatma Gandhi Birth Anniversary: गुजराती में किताब का प्रकाशन 1927 में हुआ था। दूसरी ओर मलयालम संस्करण 1997 में प्रकाशित हुआ, इसके बावजूद उसकी बिक्री इतनी अधिक है। नवजीवन ट्रस्ट के न्यास प्रबंधक विवेक देसाई ने बताया कि मलयालम अनुवाद की तेज बिक ...