महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठः दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी की विरासत का प्रतीक हैं उनकी प्रतिमाएं

By भाषा | Published: September 30, 2019 05:13 PM2019-09-30T17:13:16+5:302019-09-30T17:13:16+5:30

‘ट्रेड रूस मॉल’ में स्थापित गांधी की प्रतिमा विश्व में एकमात्र ऐसी प्रतिमा है जो किसी शॉपिंग मॉल के अंदर बनी है। इसके अलावा गांधी हॉल में गांधी की आदम कद प्रतिमा और टॉलस्टाय फार्म में भी उनकी आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया है। 

150th Anniversary of Mahatma Gandhi: Statues symbolizing Mahatma Gandhi's legacy in South Africa | महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठः दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी की विरासत का प्रतीक हैं उनकी प्रतिमाएं

गांधी हॉल में गांधी की आदम कद प्रतिमा और टॉलस्टाय फार्म में भी उनकी आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया है। 

Highlightsमहात्मा गांधी की देशभर में कई प्रतिमाएं स्थापित की गई हैंये प्रतिमाएं एक युवा वकील के रूप में देश में उनके आगमन को प्रदर्शित करती हैं।

दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर में दमन एवं भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी की देशभर में कई प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जो युवा पीढ़ी को बापू के आदर्शों का अनुकरण करने के लिए प्रेरित करती हैं। हालांकि दक्षिण अफ्रीका में स्थापित अधिकतर प्रतिमाओं में चश्मा लगाए, धोती पहने और सिर पर बिना बाल वाले गांधी की पारम्परिक छवि को दर्शाया गया है लेकिन सर्वाधिक ध्यान आकर्षित करने वाली प्रतिमाएं पीटरमारित्जबर्ग और जोहानिसबर्ग में स्थापित की गई हैं।

ये प्रतिमाएं एक युवा वकील के रूप में देश में उनके आगमन को प्रदर्शित करती हैं। पीटरमारित्जबर्ग ही वह जगह है जहां गांधी को ट्रेन में श्वेत लोगों के लिए आरक्षित डिब्बे से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया था। तत्कालीन विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज ने जून 2018 में पीटरमारित्जबर्ग में गांधी की एक अनूठी आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया था।

दक्षिण अफ्रीका में भारत की उच्चायुक्त रुचिरा कम्बोज ने कहा, ‘‘इस प्रतिमा के एक ओर गांधी को वह पश्चिमी परिधान पहने वकील के रूप में दिखाया गया है जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका आते समय पहना था, जबकि दूसरी ओर महात्मा गांधी वह भारतीय परिधान पहने दिख रहे हैं जिसे पहनकर वह भारत को बदलने के लिए 21 वर्ष बाद दक्षिण अफ्रीका छोड़कर गए थे।’’

इस आवक्ष प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर स्वराज ने कहा था, ‘‘महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला ने अन्याय और भेदभाव का सामना कर रहे लोगों को उम्मीद दी।’’ जोहानिसबर्ग के बीचों बीच एक सार्वजनिक परिवहन केंद्र का नाम बदलकर 1999 में ‘गांधी स्क्वायर’ रखा गया। इस चौक पर गांधी की आदम कद प्रतिमा है जिसमें वह वकील की वर्दी पहने नजर आ रहे हैं। यह प्रतिमा उस इमारत के सामने है जिसमें कभी उनका कार्यालय हुआ करता था।

‘फीनिक्स सेटलमेंट’ में गांधी की आवक्ष प्रतिमा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और दक्षिण अफ्रीका के प्रधान न्यायाधीश मोगोएंग मोगोएंग ने जोहानिसबर्ग में ‘कॉन्स्टीट्यूशन हिल’ में मई 2012 में गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया था। इस जगह पर पहले ‘फोर्ट’ जेल हुआ करती थी, जिसमें गांधी और मंडेला दोनों को कैद रखा गया था।

इसके अलावा सितंबर 2015 में रुस्तेनबर्ग शहर में भी गांधी की आदम कद प्रतिमा का अनावरण किया गया था। ऐसा माना जाता है कि लेनासिया शहर स्थित ‘ट्रेड रूस मॉल’ में स्थापित गांधी की प्रतिमा विश्व में एकमात्र ऐसी प्रतिमा है जो किसी शॉपिंग मॉल के अंदर बनी है। इसके अलावा गांधी हॉल में गांधी की आदम कद प्रतिमा और टॉलस्टाय फार्म में भी उनकी आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया है। 

Web Title: 150th Anniversary of Mahatma Gandhi: Statues symbolizing Mahatma Gandhi's legacy in South Africa

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