मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले एस जयशंकर का जन्म दिल्ली में हुआ। उनके दिवंगत पिता के. सुब्रमण्यम भारत के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषकों में से एक माने जाते रहे हैं। एस. जयशंकर की शिक्षा एयरफोर्स स्कूल और सेंट स्टीफेंस कॉलेज में हुई। जयशंकर ने पॉलिटिकल साइंस से एमए करने के अलावा एम फिल और पीएचडी भी किया है। वह इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटिजक स्टडी लंदन के भी सदस्य हैं। 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी एस. जयशंकर की विदेश मामलों में अच्छी पैठ है और वे काफी तेज-तर्रार अफसर माने जाते हैं। एस. जयशंकर को जनवरी 2015 में केंद्र सरकार ने विदेश सचिव बनाया था। Read More
PM Narendra Modi at United Nations General Assembly: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नियम-आधारित विश्व व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक स्वर में बोलना चाहिए। ...
नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि कोविशील्ड को मान्यता न देना एक भेदभावपूर्ण नीति है और ब्रिटेन की यात्रा करने वाले हमारे नागरिकों को प्रभावित करती है. विदेश मंत्री ने ब्रिटेन के नए विदेश सचिव के सामने इस मुद्दे को ...
अपनी पार्टी को सौंपे गए एक दस्तावेज में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री के विशेष दूत बनकर पहुंचे तत्कालीन विदेश सचिव एस. जयशंकर ने संविधान को अपनाने के खिलाफ राजनीतिक दलों के नेताओं को धमकी दी थी और कहा था ...
अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत का अपना दृष्टिकोण अपने लोगों के साथ ऐतिहासिक मित्रता द्वारा निर्देशित रहा है। ...
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “इस वक्त हम औरों की ही तरह, बहुत ध्यान से अफगानिस्तान में घटनाक्रमों पर नजर रख रहे हैं। मेरे विचार में हमारा ध्यान अफगानिस्तान में सुरक्षा सुनिश्चित करने और वहां मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर है।” ...
सभी इस बात से सहमत हैं कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागीरी को रोकना चाहिए। भारत के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका और भारत के साथ आपस में रक्षा समझौता होना चाहिए और उस पर पूरी तरह से अमल भी किया जाना चाहिए। ...