ग्रेटा थनबर्ग का जन्म तीन जनवरी 2003 को हुआ है। उनकी मां मलेना इर्नमैन ओपेरा सिंगर और पिता स्वांते थनबर्ग अभिनेता हैं। ग्रेटा ने आठ साल की उम्र में पहली बार जलवायु परिवर्तन के बारे में सुना था। 11 साल की उम्र की तक उन्होंने जलवायु परिवर्तन के संकट को समझना शुरू कर दिया था। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनियाभर के लोगों के लिए ग्रेटा एक आइकन बन गई हैं। वह जलवायु परिवर्तन पर बड़े-बड़े भाषण देती हैं। नवंबर 2018 में उनके अभियान में 24 देशों के लगभग 17 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया था। मार्च 2019 तक उनके अभियान से 135 देशों के 20 लाख बच्चे जुड़ चुके थे। वहीं इस साल अगस्त में यह संख्या बढ़कर 36 लाख हो गई। वह अपनी बात को बेबाक और तथ्य आधारित तरीके से रखने के लिए जानी जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने अपने भाषण से नेताओं को हिलाकर रख दिया है। Read More
ट्रम्प की टिप्पणी के बाद ग्रेटा ने ट्विटर के अपने विवरण में लिखा, ''अपने गुस्से को काबू करने पर काम कर रही एक किशोरी. अभी एक दोस्त के साथ मजे कर रही हूं और एक अच्छी फिल्म देख रही हूं.'' इससे पहले ब्राजील के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो और रूस ...
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में ग्रेटा ने ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने में विफल होने के लिए “आपकी हिम्मत कैसे हुई(हाउ डेयर यू)” के शीर्षक वाले अपने वक्तव्य से दुनिया के नेताओं पर विश्वासघात का आरोप लगाया था। ...
ट्रंप ने ग्रेटा को अपने दोस्तों के साथ पुरानी फिल्में देखने की सलाह तक दे डाली। ट्रंप ने ट्वीट किया, “यह बुरा है। ग्रेटा, अपने गुस्से को काबू करो और फिर अपने दोस्त के साथ कोई पुरानी अच्छी फिल्म देखने जाओ। शांत ग्रेटा, शांत।” ट्रंप का यह ट्वीट बुधवार ...
ग्रेटा से प्रेरित छात्र जलवायु संकट को लेकर दुनिया के किसी न किसी हिस्से में हर हफ्ते प्रदर्शन करते हैं। 2019 में कम से कम दो ऐसे बड़े आंदोलन हुए जिनमें कई शहरों के लाखों लोगों ने हिस्सा लिया। ...
लैडब्रॉक्स जैसी ऑनलाइन सट्टेबाजी साइटों पर 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग के नाम को लेकर चर्चा हो रही है। ग्रेटा को वैकल्पिक नोबेल माने जाने वाला एमनेस्टी इंटरनेशनल का शीर्ष सम्मान और राइट लाइवलीहुड अवार्ड मिल चुका है। ...
स्वीडन की रहने वाली 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग जलवायु कार्यकर्ता हैं। जलवायु संकट को लेकर ग्रेटा की मुहिम करीब सालभर पहले शुरू हुई। ग्रेटा से प्ररित होकर दूसरे छात्र अपने-अपने समुदायों में इसी तरह के आंदोलनों से जुड़ गए। उन्होंने मिलकर 'फ्राइडेज फॉर फ्य ...
‘राइट लाइवलीहुड’ पुरस्कार से सहरावी मानवाधिकार कार्यकर्ता अमिनातोउ हैदर, वकील गोउ जियानमेई और ब्राजील के हुतुकारा यानोमामी एसोसिएशन एवं उसके नेता दावी कोपेनावा को भी सम्मानित किया गया। पुरस्कार विजेता के कार्य को समर्थन देने के लिए विजेता को 10 लाख स ...