भारत के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में मौजूद गोवा पूरी दुनिया में अपने खूबसूरत समुंद्री बीच को अन्य पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। क्षेत्र के लिहाज से यह भारत का सबसे छोटा और जनसंख्य के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। गोवा की राजधानी पणजी है। गोवा करीब 450 साल तक पुर्तगाल के शासन में था और 1961 में यह भारत से जुड़ा। यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। Read More
गोवा में रहने वाले इतिहासकार संजीव सरदेसाई ने यहां संवाददाताओं को बताया कि रानाडे कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उनका उसी अस्पताल में इलाज चल रहा था जहां उन्होंने सुबह करीब साढ़े पांच बजे अंतिम सांस ली। ...
देश का तटीय क्षेत्र गोवा, जो उस समय पुर्तगालियों के कब्जे में था। दरअसल 1946 में जब यह साफ हो गया कि अंग्रेज अब भारत में अधिक समय तक अपना शासन नहीं चला पाएंगे तब राष्ट्रीय नेता यह मानकर चल रहे थे कि अंग्रेजों के साथ-साथ पुर्तगाली भी गोवा छोड़कर चले ज ...
पणजी, नौ जूनः गोवा में विपक्षी कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा करोड़ों रूपये और पदों की पेशकश कर उसके विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, भगवा दल ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ...
गोवा हवाई अड्डे पर उड़ाने फिर से शुरू हो गई हैं। शनिवार (8 जून) को वायुसेना के मिग 29K विमान से ड्रॉप टैंक गिरने के बाद हवाई अड्डे पर आग लगने की खबर आई थी। हादसे के चलते एयरपोर्ट को अस्थाई तौर पर कुछ देर के लिए बंद करने की घोषणा की गई थी। ...
एलिक्जा ने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को पत्र लिखकर उनसे उसका तथा उसकी मां के भारत के वीजा के नवीनीकरण में मदद का अनुरोध किया था। मार्ता ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर कृपया मदद करें। वह (ब ...
पणजी पुलिस उप निरीक्षक अरुण अभय गवास देसाई ने कहा, ‘‘देर राज दर्ज करायी गयी अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि सभी आरोपियों ने उसे मारने की धमकी भी दी।’’ ...
उपचुनाव में जीत हासिल करने वाले चार नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ लेने के साथ राज्य विधानसभा की सदस्य संख्या 40 हो गई है। नयी व्यवस्था में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है, जबकि 2017 में स्थिति बिल्कुल उलट थी। तब विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी ...
प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर विधायक थे । मार्च में पर्रिकर के निधन के बाद यहां उपचुनाव कराना जरूरी था। दिवंगत मुख्यमंत्री के बेटे उत्पल को टिकट देने से इनकार करने के बाद भाजपा ने इस सीट से पूर्व विधायक सिद्धार्थ कुनकोलिनकर को चुना ...